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सीक्वल फिल्में पसंद नहीं, 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' है एक नई कहानी: कंगना रनोट

बॉलीवुड का चमकता सितारा बन चुकीं एक्ट्रेस कंगना रनोट अपनी आने वाली फिल्म 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' के प्रमोशन में जुट गई हैं.

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Kangana Ranaut
Kangana Ranaut

बॉलीवुड का चमकता सितारा बन चुकीं एक्ट्रेस कंगना रनोट अपनी आने वाली फिल्म 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' के प्रमोशन में जुट गई हैं. फिल्म तनु वेड्स मनु रिटर्न्स 22 मई को रिलीज होने जा रही है. इस फिल्म के बारे में कंगना से हुई बातचीत के पेश हैं कुछ खास अंश:

ऐसी कौन सी बात थी जिसकी वजह से आपने यह फिल्म साईन की?
पहले रिलीज हुई फिल्म तनु वेड्स मनु में एक लव स्टोरी दिखाई गई थी. जहां दो अलग-अलग तरह के लोग एक साथ रहने को तैयार हो जाते हैं लेकिन इस बार चार साल के बाद उनके और परिवार के बीच क्या-क्या घटनाएं होती हैं, उसी को लेकर 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' की कहानी बुनी गई है. जब आनंद एल राय ने मुझे कहानी सुनाई तो मैं खो गई और मुझे पसंद आई. मैं इस फिल्म का हिस्सा बन गई. इस फिल्म की कहानी काफी अलग है.

इस फिल्म में डबल रोल अदा किया है इसके लिए काफी होमवर्क भी किया होगा?
मैं अपने किरदार की तीन अलग-अलग लेवल पर तैयारी करती हूं. एक तो शारीरिक तौर पर, दूसरा मानसिक तौर पर और तीसरा उस किरदार के हाव-भाव क्या होंगे. तो इस तरह से मैंने दोनों किरदारों पर काम किया.

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हरियाणवी भाषा का भी काफी प्रयोग आपके 'दत्तो' वाले किरदार में देखा गया है, उसकी क्या तैयारी रही?
मेरी टीचर सुनीता जी ने मुझे हरियाणवी बोलना सीखाने में काफी सहायता की. इस तरह से मैं उनकी और खुद की मेहनत से ही यह कर पाई.

सीक्वल में कितना यकीन रखती हैं?
मैं तो सीक्वल नहीं करना चाहती थी, मुझे सीक्वल शब्द काफी अजीब लगता है, 'क्वीन 2' के लिए विकास बहल आए थे और मैंने कहा मुझे सुननी ही नहीं है कहानी, जो चीज हो गई है उसको क्यों छेड़ना, आगे बढ़ जाना चाहिये, लेकिन जब मैंने आनंद राय की कहानी सुनी तो मुझे समझ आया की यह फिल्म अलग है. वैसे अगर मुझे ऑप्शन मिले तो मैं हमेशा फ्रेश फिल्म ही करूं.

कंगना क्या आप 'दत्तो' या 'तनु' के किरदार में अपनी छवी देखती हैं ?
(हंसते हुए) इसका पता आपको तब चलेगा, जब कंगना के लाइफ के ऊपर कहानी बनेगी.

फिल्में देखती हैं आप? आख‍रिी फिल्म कौन सी देखी?
बिलकुल मैं फिल्में देखती हूं. आखिरी फिल्म मैंने 'पीकू' , 'बॉम्बे वेलवेट' देखी है.

सफलता का मंत्र क्या है?
बस लगे रहो, घर पर बैठे नहीं रह सकते ना.

नेशनल अवॉर्ड दूसरी बार लेने गई थीं, कैसा अनुभव रहा?
पहली बार गई थी तो कई सारे प्रोटोकॉल थे, डर भी लग रहा था. लेकिन इस बार तो ऐसे घूम रहे थे जैसे सब पता हो.

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