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लता मंगेशकर को भी है कसक!

हिंदी सिनेमा की कई महानतम अभिनेत्रियों के लिए गायन कर चुकीं स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को आज भी इस बात की कसक है कि वह ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार के लिए नहीं गा सकीं। इस बात का खुलासा एक नयी पुस्तक में किया गया है.

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हिंदी सिनेमा की कई महानतम अभिनेत्रियों के लिए गायन कर चुकीं स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को आज भी इस बात की कसक है कि वह ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार के लिए नहीं गा सकीं। इस बात का खुलासा एक नयी पुस्तक में किया गया है.

विगत छह दशकों से अधिक समय में अपनी सुनहरी आवाज से लोगों को दीवाना बनाने वाली लता मंगेशकर के अभिनेता दिलीप कुमार से बेहद मधुर संबंध है और एक कलाकार के तौर पर दोनों के मन में एक दूसरे के प्रति अगाध सम्मान है.

उन्होंने कहा निश्चित तौर पर मैं किसी पुरूष के लिए नहीं गा सकती लेकिन जब मैं दिलीप कुमार को कोहिनूर में मधुबन में राधिका नाचे रे गाते देखती हूं तो लगता है कि उनके ही गले से यह आवाज निकल रही हो. उन्होंने कहा लगता है कि रफी साहब नहीं बल्कि खुद दिलीप कुमार गा रहे हों. अगर मुझे मौका मिलता तो मैं खुशी खुशी उनके लिए गाना गाती. लता जी ने ये बातें नसरीन मुन्नी कबीर की नयी पुस्तक लता मंगेशकर इन हर ओन वाइर्सं में कहीं हैं.

पुस्तक में लता और कबीर के बीच हुई कई बातचीत को दोबारा पेश किया गया है. इस पुस्तक का कल मुंबई में विमोचन किया जाएगा. इस पुस्तक का प्रकाशन नियोगी बुक्स ने किया है. यद्यपि लता दिलीप कुमार के लिए गायन नहीं कर सकीं लेकिन उनकी यह इच्छा आंशिक तौर पर उस समय पूरी हुई जब उन्होंने ट्रेजेडी किंग के साथ मुसाफिर्रं फिल्म के लिए 1957 में एक युगल गीत रिकार्ड किया.

दिलीप कुमार और लता मंगेशकर ने ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म के लिए लागी नहीं छूटे गीत गाया था. यह एकमात्र फिल्म है जहां दिलीप कुमार ने आन एंड आफ स्क्रीन गाया है.

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