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'शोले' फिल्म के सुपरहि‍ट करेक्टर गब्बर आज भी जिंदा है लेकिन नए अंदाज में

सुपरहिट फिल्‍म 'शोले' के भले ही चालीस साल हो गए हो, लेकिन गब्‍बर और इसके डायलॉग आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं. यह फिल्‍म 15 अगस्‍त 1975 को रिलीज हुई थी. पेश हैं इस मौके पर ऐसे डायलॉग, जो हाल में आई फिल्‍म 'गब्‍बर इज बैक' में आकर बदल गए.

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Film 'Sholey'
Film 'Sholey'

सुपरहिट फिल्‍म 'शोले' के भले ही 40 साल हो गए हो, लेकिन गब्‍बर और इसके डायलॉग आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं. यह फिल्‍म 15 अगस्‍त 1975 को रिलीज हुई थी. पेश हैं इस मौके पर ऐसे डायलॉग, जो हाल में आई फिल्‍म 'गब्‍बर इज बैक' में आकर बदल गए.

जिस तरह फिल्म 'शोले' के गब्बर ने लोगों को अपनी हैवानियत दिखाई वैसे ही फिल्म 'गब्बर इज बैक' में गब्बर की वापसी इंसानियत के मसीहा के रूप में हुई. गब्बर बदल गया और गब्बर के साथ फिल्म के डायलॉग भी बदल गए.  इस 15 अगस्त को फिल्म 'शोले' की रिलीज के 40 साल पूरे होने जा रहे हैं इस मौके पर आइए डायलॉग्स में जानें  इन 40 सालों में कितना बदल गया गब्बर:

1. शोले : यहां से पच्चास पच्चास कोस दूर गांव में जब बच्चा रात को रोता है तो मां केहती है बेटा सोजा नहीं तो गब्बर आ जाएगा...
गब्बर इज बैक: पच्चास पच्चास कोस दूर जब कोई रिश्वत लेता है तो सब कहते हैं मत ले वरना गब्बर आ जाएगा...

2. शोले: हाहाहा सूअर के बच्चों क्या सोचा था सरदार खुश होगा साबासी देगा...
गब्बर इज बैक : अगर जलाना है तो अपनी अंदर की आग जलाओ, गब्बर खुश होगा शाबाशी देगा...

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3. शोले: ये हाथ हमको दे दे ठाकुर...
गब्बर इज बैक: इस बार हाथ नहीं साथ चाहिए...

4 शोले: जब तक तेरे पैर चलेंगे उसकी सांस चलेगी...
गब्बर इज बैक: क्या हुआ सांसे रुक गईं, स्पेशलिस्ट बुलाऊं...

5 शोले: गब्बर के ताप से तुम्हें एक ही आदमी बचा सकता है, एक ही आदमी खुद खब्बर...
गब्बर इज बैक: हड्डियां तोड़ने में वो मजा नहीं जो तेरी अकड़ तोड़ने में है.

फिल्म 'शोले' से जुडीं कुछ दिलचस्प बातें:

1. फिल्म 'शोले' का टंकी पर चढ़कर बसंती को प्रोपोज करने वाला सीन किसी की रियल लाइफ से प्रेरित था.

2. फिल्म में ट्रेन की चोरी वाला सीन, मुंबई पुणे लाइन पर पनवेल के पास लगभग 20 दिनों में शूट किया गया था.

3. अमिताभ बच्चन फिल्म के आखिर में धर्मेद्र द्वारा चलाई गयी गोली से बाल-बाल बचे, गोली अमिताभ से कुछ इंच की दूरी से निकल गई थी.

4. उन दिनों अमिताभ को 'गब्बर' का किरदार करने का मन था और धर्मेन्द्र चाहते थे की वो ठाकुर का किरदार करें, लेकिन जब उन्हें पता चला की असल जिंदगी में संजीव कुमार ने हेमा मालिनी को प्रोपोज किया है, तो तुरंत धर्मेन्द्र ने वीरू का किरदार स्वीकार कर लिया क्योंकि धर्मेन्द्र भी हेमा मालिनी से प्‍यार करते थे.

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5. फिल्म 'शोले' की शूटिंग बेंगलुरु के 'रामनगरम' इलाके में हुई थी और फिल्‍म के सुपर डुपर हिट होने के बाद इस जगह का नाम रमेश सिप्पी के नाम पर 'सिप्पीनगर' रख दिया गया.

6. जावेद अख्तर को गब्बर की आवाज के लिए अमजद खान बिल्कुल सही नहीं लग रहे थे, लेकिन बाद में गब्बर का किरदार हिट साबि‍त हुआ.

7. फिल्म में हेमा मालिनी का एक भी सीन संजीव कुमार और जया भादुड़ी के साथ नहीं था क्योंकि फिल्म से पहले ही संजीव कुमार ने हेमा मालिनी को प्रोपोज किया था और यह बात हेमा मालिनी को गवारा नहीं थी.

8. अमिताभ से पहले शत्रुघ्न सिन्हा को फिल्‍म में 'जय' के किरदार में साइन किया गया था, लेकिन अमिताभ ने डायरेक्टर को अपनी बातों और एक्टिंग के दम पर मना लिया था.

9. इस फिल्‍म में गब्‍बर का रोल पहले डैनी डैनी डेन्जोंगपा को ऑफर किया गया था, लेकिन डैनी उस वक्‍त अफगानिस्तान में 'धर्मात्मा' फिल्म की शूटिंग में व्यस्त थे, इसलिए वह रोल नहीं कर पाए.

10. फिल्म के किरदारों के नाम, सलीम- जावेद के करीबियों के नाम पर रखे गए थे. जय और वीरू सलीम खान के बचपन के दोस्त थे और ठाकुर बलदेव सिंह सलीम खान के ससुर जी का नाम था जो पेशे से दांतों के डॉक्टर हुआ करते थे.

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