अभिनेता आलोक नाथ के खिलाफ लेखक और प्रोड्यूसर विनता नंदा ने शारीरिक शोषण के आरोप लगाए थे. इस मामले में मुंबई कोर्ट ने कहा कि विनता कथित अपराध की तारीख या महीना बताने में नाकाम रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुंबई की सेशन कोर्ट ने आलोक नाथ की गिरफ्तारी से पहले जमानत देते हुए कहा कि इस आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है कि आरोप अपने निजी फायदे के लिए लगाए गए हों. अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एसएस ओझा ने आलोक नाथ को 5 लाख रुपए के मुचलके पर जमानत दी है.
कोर्ट ने कहा कि विनता नंदा को पूरी घटना याद है, लेकिन घटना की तारीख और महीना याद नहीं है. यह सब देखते हुए ये आशंका हो सकती है कि आरोपी को अपराध में झूठा फंसाया गया हो. आदेश में जज ने कहा- विनता ने जो आरोप लगाए हैं, हो सकता है कि वह उनके आलोकनाथ के प्रति एकतरफा प्यार के चलते हों. अभिनेता के खिलाफ साफतौर पर शिकायतकर्ता के अपमानजनक, झूठे, दुर्भावनापूर्ण और काल्पनिक आरोपों के आधार पर केस दर्ज हुआ.
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This is how a co artist saw me in her dream, or was it a nightmare! !!
अकेली हो गई थीं विनता: कोर्ट
कोर्ट ने कहा, ''यह 1980 की बात है. मिस नंदा और आलोक नाथ की पत्नी आशू चंडीगढ़ कॉलेज में दोस्त थीं. यह दोनों एक प्रोडक्शन यूनिट में काम कर रही थीं, जहां उनकी मुलाकात आलोक नाथ से हुई. यहां तीनों ही लोग अच्छे दोस्त बने. आलोक नाथ ने आशू को 1987 में प्रपोज किया और शादी कर ली. उस दौरान शिकायतकर्ता को लगा कि वह अकेली हो गई हैं क्योंकि उसने अपना सबसे अच्छा दोस्त खो दिया था. जज ने कहा, शायद आलोक नाथ के खिलाफ शिकायतकर्ता का आरोप उनके एकतरफा प्यार से प्रेरित हो सकता है.''
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आलोक ने कहा कि उनका अगला कानूनी कदम अदालत के आदेश पर निर्भर करेगा. अभिनेता ने कहा, "मैं अभी कुछ भी नहीं बता सकता हूं. लेकिन एक बात मैं आपको बता सकता हूं. यह लड़ाई अपने उचित निष्कर्ष तक पहुंच जाएगी और हकीकत जो कुछ भी है, वह सामने आ जाएगा."