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मैं कभी आत्मकथा नहीं लिखूंगा: अमिताभ

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन भले ही ब्लॉग लिखते हों लेकिन उनका आत्मकथा लिखने का कोई इरादा नहीं है. अमिताभ कहते हैं कि उनका ब्लॉग उनकी जिंदगी का दस्तावेज नहीं है और वह अपने जीवन के कुछ पहलुओं को बाहरी दुनिया में उजागर नहीं करना चाहते.

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बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन भले ही ब्लॉग लिखते हों लेकिन उनका आत्मकथा लिखने का कोई इरादा नहीं है. अमिताभ कहते हैं कि उनका ब्लॉग उनकी जिंदगी का दस्तावेज नहीं है और वह अपने जीवन के कुछ पहलुओं को बाहरी दुनिया में उजागर नहीं करना चाहते.

अमिताभ बच्‍चन की अनदेखी तस्वीरें...
गुरुवार को अपना 70वां जन्मदिन मना रहे अमिताभ अपनी निजता बरकरार रखना चाहते हैं. उनका कहना है कि उनका ब्लॉग उनके लिए केवल अपने प्रशंसकों से बातचीत का जरिया है.

अमिताभ ने कहा कि मैं ब्लॉग इसलिए नहीं लिखता कि मैं अपने जीवन का दस्तावेजीकरण करना चाहता हूं. मैंने कभी भी ऐसा नहीं किया. मैं अपने ब्लॉग पर जो कुछ लिखता हूं, वह जरूरी नहीं है कि वह सब हो जो मैं लोगों के साथ बांटना चाहता हूं.

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उन्होंने कहा कि बहुत सी ऐसी बातें हैं जिन्हें मैं लोगों के साथ नहीं बांटना चाहता. कुछ ऐसी टिप्पणियां व विचार होते हैं जो मुझे निजी लगते हैं और मुझे लगता है कि उन्हें निजी ही रहना चाहिए. मैं उन पर टिप्पणी नहीं करता. यह केवल मेरे फोलोअर्स व मुझसे बात करना पसंद करने वालों के साथ बातचीत होती है. इसमें मेरी जिंदगी के दस्तावेजीकरण का विचार नहीं है.

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अमिताभ ने बीते चार दशकों में कई महत्वपूर्ण फिल्में दी हैं. 70 के दशक में उन्होंने 'जंजीर', 'शोले' व 'दीवार' जैसी सफलतम फिल्में दीं. इसके बाद 1982 में 'कुली' की शूटिंग के दौरान हुई एक दुर्घटना से उनका स्वास्थ्य गड़बड़ाया और बीच के दौर में उनका करियर भी डगमगाया. उन्होंने 90 के दशक में 'लाल बादशाह' व 'सूर्यवंशम' जैसी फिल्मों से खुद को दोबारा स्थापित करने की कोशिश की.

छोटे पर्दे पर 'कौन बनेगा करोड़पति' शो की मेजबानी से उन्हें दोबारा लोकप्रियता हासिल करने में मदद मिली और वह बॉलीवुड के सबसे भरोसेमंद सितारों में से एक बन गए. इस सब के बावजूद वह महसूस करते हैं कि उनकी जिंदगी में ऐसा कुछ नहीं है जिसका दस्तावेजीकरण किया जाए.

जब उनसे पूछा गया कि उनके पिता हरिवंश राय बच्चन ने अपनी आत्मकथा लिखी थी, तब वह ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं. इस पर उन्होंने कहा कि वह खुश हैं कि उनके पिता ने अपनी आत्मकथा लिखी. इससे उन्हें उनके काम के सम्बंध में जानने में मदद मिली, उन्होंने जाना कि जब वह नहीं थे तब क्या हुआ था और उन्होंने जब वह थे तब के अपने जीवन के कुछ हिस्से को भी जाना. अमिताभ ने स्वीकार किया कि उन्हें अक्सर आत्मकथा लिखने के सुझाव मिलते रहते हैं लेकिन वह उस ओर कोई ध्यान नहीं देते.

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