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अन्‍ना के साथ आए आमिर, कहा- लोकपाल के दायरे में हो प्रधानमंत्री पद

जाने माने बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान ने गांधीवादी अन्ना हज़ारे के जनलोकपाल मसौदा विधेयक का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री पद, न्यायपालिका और सांसदों के आचरण को प्रस्तावित भ्रष्टाचार विरोधी निकाय के दायरे में रखने का पक्ष लिया.

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आमिर खान
आमिर खान

जाने माने बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान ने गांधीवादी अन्ना हज़ारे के जनलोकपाल मसौदा विधेयक का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री पद, न्यायपालिका और सांसदों के आचरण को प्रस्तावित भ्रष्टाचार विरोधी निकाय के दायरे में रखने का पक्ष लिया. हालांकि, लोकपाल की चयन प्रक्रिया पर वह सरकार और हज़ारे पक्ष दोनों के विचारों का समर्थन नहीं करते.

हज़ारे पक्ष ने लोकपाल विधेयक के अहम मुद्दों पर 20 सवालों की प्रश्नावली करीब 250 हस्तियों को भेजी है. आमिर इस प्रश्नावली का उत्तर देने वाली शुरुआती हस्तियों में शामिल हैं.

आमिर खान बने आइटम ब्वाय

हज़ारे के आंदोलन ‘इंडिया अगेन्स्ट करप्शन’ की ओर से जारी वक्तव्य के मुताबिक, आमिर ने कहा कि प्रधानमंत्री, न्यायपालिका और संसद के भीतर सांसदों के आचरण को प्रस्तावित लोकपाल के दायरे में रखा जाना चाहिये.

अभिनेता ने खास तौर पर कहा, ‘प्रधानमंत्री पद को लोकपाल के दायरे में होना चाहिये.’ बहरहाल, प्रस्तावित लोकपाल की चयन प्रक्रिया के बारे में आमिर के विचार सरकार और हज़ारे पक्ष से अलग हैं. आमिर का कहना है कि लोकपाल की चयन प्रक्रिया में चार न्यायाधीशों और स्वतंत्र संवैधानिक पदों पर आसीन चार अन्य व्यक्तियों को शामिल किया जाना चाहिये.

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साहस और खूबसूरती का संगम हैं आमिर खान

हज़ारे पक्ष की मांग है कि लोकपाल की चयन प्रक्रिया में दो नेता, चार न्यायाधीश और दो स्वतंत्र संवैधानिक प्राधिकारों को शामिल किया जाये. सरकार ने 10 सदस्यीय चयन समिति सुझायी है जिसके छह सदस्य सत्तापक्ष के होंगे.

आमिर ने केंद्र में लोकपाल के साथ ही राज्यों में लोकायुक्त का गठन करने, भ्रष्टाचार के दोषी अधिकारियों को दंडित करने और सरकारी विभागों में समय पर काम पूरा करने की जानकारी देने वाले प्रस्तावित नागरिक घोषणा पत्र लगाने जैसे हज़ारे पक्ष के विचारों का समर्थन किया.

अभिनेता ने कहा, ‘लोकपाल को सरकार के नियंत्रण में नहीं रहना चाहिये. लोकपाल को देश की जनता के प्रति जवाबदेह रहना चाहिये. लोकपाल को भ्रष्ट सरकारी नौकरशाहों को बर्खास्त करने का अधिकार होना चाहिये. उसे व्हिसलब्लोअरों और गवाहों के संरक्षण की भी जिम्मेदारी दी जानी चाहिये.’

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आमिर ने कहा कि प्रस्तावित लोकपाल के तहत भ्रष्टाचार के दोषी अधिकारियों को अधिकतम उम्र कैद की सजा देने, दोषियों के उद्योगपति होने की स्थिति में उन पर बड़ी मात्रा में जुर्माना लगाने और सरकार के साथ लेनदेन के लिये उनके उद्योगों को काली सूची में डालने के प्रावधान होने चाहिये.

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