रजनीकांत की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'काला' इसी हफ्ते 7 जून को रिलीज होने जा रही है. फिल्म शूटिंग के वक्त से ही चर्चाओं में है. फिल्म को लेकर रजनीकांत के प्रशंसकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. कोई फिल्म में रजनीकांत संग नजर आ रहे कुत्ते को खरीदने के लिए अभी से करोड़ों की बोली लगा रहा है तो रजनी के किरदार को कई तमिल माफियाओं से जोड़कर देखा जा रहा है.आइए जानते हैं आखिर फिल्म किस माफिया की कहानी पर आधारित है...
काला फिल्म की शुरुआत के वक्त खबरें थीं कि ये फिल्म मुंबई के डॉन हाजी मस्तान की जिंदगी पर आधारित है. लेकिन अब खबर है कि काला मुंबई के तमिल गैंगस्टर थिरावियम नडार की लाइफ पर आधारित है. नडार के बेटे जवाहर नडार ने काला के निर्माताओं पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके पिता के किरदार को निगेटिव दिखाया जा रहा है. उन्होंने काला के निर्माताओं से लिखित माफी मांगने के साथ ही 101 करोड़ रुपये हर्जाने की मांग भी की है.
हालांकि निर्माताओं ने यह खुलासा नहीं किया है कि काला मुंबई के किस माफिया डॉन की कहानी है. बताते चलें कि थिरावियम नडार 1957 में नौकरी की तलाश में तमिलनाडु से मुंबई आए थे. जैसे वह अपनी जिंदगी का रास्ता तय करते गए हर मोड़ पर उन्होंने लोगों की मदद
की. मुंबई के स्लम एरिया 'धारावी' में रहने वाले तमिल लोगों की उन्होंने हर तरह से मदद की और देखते ही देखते थिरावियम नडार गॉडफादर' बन गए.
थिरावियम नडार के बेटे मुताबिक उनके पिता ने गुड़ का व्यवसाय किया और फिर देखते ही देखते वह लोगों के बीच 'गुड़वाला सेठ' और 'काला सेठ' के नाम से फेमस हो
गए.
थिरावियम नडार अपने लोगों को पुलिस और गुंडों के अत्याचारों से बचाने के लिए जाने जाते थे.
डॉन थिरावियम नादर को मुंबई के सबसे बड़े डॉन हाजी मस्तान और तमिलनाडु बेस्ड गैंगस्टर वरदराजा मुदलियार के काफी करीब माना जाता था. कहा यह भी जाता है कि वरदराजा मुदलियार कई वारदात को अंजाम देने के लिए तमिल युवाओं को मुंबई बुलाया करता था. इस तरह मुंबई में तमिल समाज की धारावी जैसी कुछ जगहों पर जड़े मजबूत होती
गईं.
तमिल लोगों का मसीहा कहे जाने वाले थिरावियम की साल 2003 में मौत हो गई. वैसे फिल्म रिलीज के बाद यह साफ़ हो जाएगा कि काला मुंबई के किस गैंगस्टर की कहानी पर आधारित है.