सलमान खान और कटरीना कैफ की फिल्म 'टाइगर जिंदा है' 22 दिसंबर को सिनेमाघरों में होगी. इस फिल्म की कहानी वास्तविक घटना पर आधारित है. फिल्म में सलमान और कटरीना 25 भारतीय नर्सों को आईएसआईएस के चंगुल से छुड़ाते नजर आएंगे. ये घटना 2014 में घटी थी.
सुन्नी आतंकी संगठन आईएसआईएस ने इराक के तिकरित में काम करने वालीं 46 नर्सों को बंधक बना लिया था. इन्हें अस्पताल में किडनैप करके रखा गया था. अस्पताल के बाहर गोलीबारी होने से कुछ नर्सें घायल भी हो गई थीं. इन नर्सों को आईएसआईएस के कब्जे से छुड़ाना बेहद चुनौतीपूर्ण था.
बताया गया था कि इन नर्सों ने हॉस्पिटल के बेसमेंट में मौजूद किचन में शरण ली थी. आतंकी ने बसों से कहीं और ले जाना चाहते थे, लेकिन नर्सों ने इंकार कर दिया, इसके बाद आतंकी बिना इन्हें नुकसान पहुंचाए लौट गए.
ये सभी नर्सें केरल की थीं. ये घटना के कुछ महीने पहले ही इराक पहुंची थीं. इन्हें दिल्ली की एक एजेंसी ने प्रत्येक से डेढ़ लाख रुपए लेकर भर्ती किया था. साथ ही इनसे 750 डॉलर मासिक वेतन देने का वादा किया गया था.
भारत सरकार काफी जद्दोजहद के बाद इन्हें छुड़ाने में सफल रही. रिहा की गईं 46 भारतीय नर्सो सहित 183 यात्रियों को एयर इंडिया के विशेष विमान से मुंबई लाया गया था.
एयर इंडिया का विमान सुबह कुर्दिस्तान प्रांत की राजधानी इरबिल से रवाना
हुआ था. बताया गया था कि कई नर्सों का कहना है कि जब तक उन्हें चार महीने
की तनख्वाह नहीं दी जाएगी वे विमान पर सवार नहीं होंगी. भारतीय अधिकारियों
ने उन्हें मनाया और तब जाकर वे आने को तैयार हुईं.
टाइगर जिंदा है की कहानी इसी घटना को परदे पर लाने की कोशिश है. इसमें सलमान और कटरीना भारत और पाकिस्तान के एजेंट बने हैं. ये मिलकर जोखिम उठाकर इन नर्सों को रिहा कराते हैं.