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मनोरंजन

साहित्य से लेकर हिन्दी फिल्मों तक में सफल हुए ये लेखक

साहित्य से लेकर हिन्दी फिल्मों तक में सफल हुए ये लेखक
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हिन्दी साहित्य में कुछ ऐसे व्यक्त‍ित्व भी रहे, जो परदे पर भी उतने ही सफल हुए जितने कि कागज पर. इनकी लिखी फिल्में बेहद चर्चित रहीं. हिन्दी दिवस के बहाने जानते हैं कुछ ऐसे ही चुनिंदा लोगों को.
साहित्य से लेकर हिन्दी फिल्मों तक में सफल हुए ये लेखक
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मनोहर श्याम जोशी ने 'कसप' जैसा लोकप्रिय उपन्यास लिखा है. उन्हें भारतीय टीवी का पहला धारावाहिक 'हम लोग' लिखने का श्रेय भी जाता है. इसके बाद उन्होंने 'बुन‍ियाद' जैसा लोकप्रिय सीरियल भी लिखा. वे टीवी और फिल्मों के लिए लेखन में सफल रहे. उन्होंने 'अप्पू राजा', 'हे राम' आदि फिल्मों के संवाद लिखे.
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हिन्दी के प्रस‍िद्ध कवि गोपालदास नीरज के गाने फिल्मों में बेहद लोकप्रिय हैं. 'ख‍िलते हैं गुल यहां...', 'सोख‍ियों में घोली जाए...' जैसे गीत नीरज ने लि‍खे हैं. उन्होंने सौ से ज्यादा गीत ल‍िखे. बाद में उनकी पहचान गीतकार के रूप में ही बन गई.
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'कि‍तने पाकिस्तान' जैसा चर्चित उपन्यास लिखने वाले कमलेश्वर ने भी खुद को बतौर लेखक फिल्मों में आजमाया. उन्होंने फिल्म 'पति‍, पत्नी और वो' की पटकथा लि‍खी है. इसके अलावा उन्होंने टीवी सीरियल चंद्रकांता, आकाश गंगा और युग की कहानी भी लि‍खी है.
साहित्य से लेकर हिन्दी फिल्मों तक में सफल हुए ये लेखक
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फणीश्वरनाथ रेणु ने अपनी ही कहानी 'मारे गए गुलफाम' पर बनी फिल्म 'तीसरी कसम' के संवाद लि‍खे थे. हालांकि, यह फिल्म रिलीज के बाद उतनी नहीं सराही गई, जितनी इसे बाद में प्रशंसा मिली. बता दें कि रेणु 'मैला आंचल' जैसे प्रसिद्ध उपन्यास के लेखक हैं.
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कई कहानी संग्रह गुलजार के प्रकाश‍ित हुए हैं. उन्होंने फिल्मों के निर्देशन और लेखन में भी हाथ आजमाया और सफल भी रहे. गीतकार गुलजार  'नमकीन', 'माच‍िस', 'लेकिन' और 'इजाजत' जैसी फिल्में निर्देश‍ित कर चुके हैं.
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