धर्मेंद्र ने अपने साथ-साथ छोटे भाई अजीत सिंह देओल को भी अदाकारी के गुर सिखाए थे. अजीत सिंह ने भी कुछ फिल्मों में अदाकारी की है. वे अभय देओल के पिता थे. अभय इस समय अपनी फिल्म 'नानू की जानू' के कारण चर्चा में हैं. ये फिल्म 20 अप्रैल को रिलीज होगी. जानिए अभय के पिता का फिल्मों से किस तरह का नाता था.
अभय के पिता और धर्मेंद्र के भाई अजीत सिंह का स्क्रीन नेम कुंवर अजीत था. अजीत की चर्चित फिल्में खोटे सिक्के, मेहरबानी, बरसात आदि थीं. उन्होंने कई ऐसी फिल्मों में भी काम किया, जिनमें उन्हें क्रेडिट नहीं मिला. अजीत ने कई पंजाबी फिल्मों में काम किया था.
अजीत ने दो फिल्में भी डायरेक्ट कीं, जिनके नाम थे, मेहरबानी और संतो बंतो. उन्होंने चार फिल्में प्रोड्यूज कीं. ये थीं 'वीरता', 'मेहरबानी', 'दिल्लगी', 'प्रतिज्ञा'.
अजीत ने 1965 में जिस फिल्म से डेब्यू किया, उसका नाम था चिलमन. इस फिल्म में अजीत ने 'अभय' नाम से डेब्यू किया. लेकिन ये फिल्म बंद हो गई. बाद में उन्होंने अभय नाम अपने बेटे का रखा.
लेखक सरजीत सिंह संधू ने अजीत सिंह पर एक किताब लिखी थी, जिसका नाम था 'जीते सीते दे जट जफे' . ये किताब पंजाबी में थी.
अजीत फिल्म 'जहां जागे वहां सवेरा' के लीड हीरो थे. वे लक्ष्मी छाया के अपोजिट थे. लेकिन ये फिल्म बंद हो गई.
अक्टूबर, 2015 में अजीत सिंह का निधन हो गया था.