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पाक‍िस्तानी कलाकारों का बुरा हाल, काम के बाद फीस ऐसे म‍िलती है जैसे भीख मांग रहे, PAK एक्टर्स का फूटा गुस्सा

पाकिस्तान की एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में देर से पेमेंट मिलने की समस्या पुरानी है. अक्सर एक्टर्स को अपने ही पैसे लेने के लिए बेइज्जत होना पड़ता है. इस मुद्दे को एक बार फिर वहां के आर्टिस्ट्स ने उठाया है. दिवंगत एक्ट्रेस हुमैरा अली असगर का हवाला देते हुए यासिर हुसैन ने कहा कि थोड़ी सहानुभूति दिखाओ. वहीं अहमद बट ने अपना यू्ट्यूब चैनल खोलने की सलाह दे डाली.

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वक्त पर पेमेंट ना मिलने पर फूटा पाक कलाकारों का गुस्सा (Photo: Instagram @the_yasirhussain @ahmedalibutt @Faizan Khawaja)
वक्त पर पेमेंट ना मिलने पर फूटा पाक कलाकारों का गुस्सा (Photo: Instagram @the_yasirhussain @ahmedalibutt @Faizan Khawaja)

पाकिस्तान की फिल्म इंडस्ट्री में लंबे समय से वक्त पर पेमेंट ना किए जाने पर आवाज बुलंद की जाती रही है. अब एक बार फिर ये इशू चर्चा में आ गया है. क्योंकि एक्टर अहमद अली बट, यासिर हुसैन और फैजान ख्वाजा भी अब उस बढ़ती हुई आवाज का हिस्सा बन चुके हैं. जो पाक इंडस्ट्री में कलाकारों और क्रू मेंबर्स को समय पर पेमेंट और बेहतर सुलूक की मांग कर रहे हैं.

इन एक्टर्स ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जताई है. अहमद, यासिर, फैजान के मुताबिक शोबिज में प्रोफेशनलिज्म की कमी है. ये बातें हाल ही में डायरेक्टर मेहरीन जब्बार और एक्टर सैयद मोहम्मद अहमद ने भी उठाई थीं. अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर अहमद अली बट ने सैयद मोहम्मद अहमद का वीडियो रीपोस्ट किया और खुद अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए बताया कि कैसे प्रोजेक्ट खत्म होने के बाद भी उन्हें अपनी फीस के पीछे भागना पड़ा.

अहमद की सलाह- सब अपना यूट्यूब चैनल खोल लें

अहमद बट ने लिखा कि- लेट पेमेंट तो इस इंडस्ट्री का स्टैंडर्ड है. प्रोडक्शन हाउस, टीवी चैनल्स और कॉर्पोरेट स्पॉन्सर्स सबके पास 60 से 90 दिनों की पेमेंट क्लॉज होती है और वो भी शायद ही कभी टाइम पर पूरी होती है. हालांकि उन्होंने माना कि कुछ लोग समय पर पेमेंट कर देते हैं, लेकिन उन्होंने उन शोषण की प्रैक्टिस करने वालों को भी उजागर किया जो पर्दे के पीछे चलती हैं. बट ने लिखा कि- बाकी लोग ये सुनिश्चित करते हैं कि आपको अपने पैसे के लिए भीख मांगनी पड़े, और वो भी किश्तों में. उन्होंने साथ ही सलाह दी कि सबको यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर अपना खुद का बॉस बनना चाहिए, जैसा कि उन्होंने खुद किया है.

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एक्टर्स ने टीवी इंडस्ट्री से बनाई दूरी

साथ ही यासिर हुसैन ने भी इंस्टाग्राम पर इस मुद्दे को उठाया और इसे शोबिज में कलाकारों की सेहत और खुशहाली से जोड़ा. हाल ही में मॉडल और एक्टर हुमैरा असगर अली के निधन का जिक्र करते हुए, जिनकी बॉडी कराची के उनके अपार्टमेंट में मिली थी, उन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा- उस लड़की के लिए दुआ करो जो अब हमारे बीच नहीं है. और मोहम्मद अहमद जैसे लिविंग लीजेंड्स के बारे में बात करो. कानून बनाओ. थोड़ी सहानुभूति दिखाओ. लोगों को समय पर पैसे दो, वे खुश रहेंगे.

फैजान ख्वाजा ने भी एक्सपायर्ड स्टोरी में एकजुटता दिखाई. उन्होंने उन लोगों को जवाब दिया जो इंडस्ट्री से बाहर हैं और सोचते हैं कि कुछ एक्टर्स टीवी से गायब क्यों हो जाते हैं. फैजान ने लिखा- उन सभी लोगों के लिए जो मुझसे पूछते रहते हैं, ‘आप अब टीवी पर क्यों नहीं आते?' सच कहूं तो, हममें से कुछ लोगों के पास इतना धैर्य नहीं है कि ऐसे बर्ताव को बर्दाश्त कर सकें. मैं बेहतर समझता हूं कि एक्टिंग न करूं, बजाय इसके कि अपने पैसों के लिए भीख मांगूं और किसी और को अपनी मैनेजर वाली पावर मुझ पर दिखाने दूं. ख्वाजा ने कहा कि इसकी वजह कोई नियम न होना और कॉन्ट्रैक्ट का पालन न होना है, जिससे पेमेंट में देरी और बेइज्जती की समस्या बनी रहती है. 

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सालों से उठाई जा रही आवाज, नहीं बना कानून

बता दें, पाकिस्तान एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में पेमेंट न मिलना और देरी से मिलने की ये दिक्कत पुरानी है. डायरेक्टर मेहरीन जब्बार ने एक बार एक इंटरव्यू में कहा था कि ये सिस्टम “बहुत खराब” और “अनप्रोफेशनल” है. ‘एक झूठी लव स्टोरी’ जैसी फिल्में बनाने वाली जब्बार ने कहा कि पेमेंट में देरी एक आम बात है और कलाकारों के लिए कोई कानूनी सुरक्षा नहीं है. अमेरिका में भी समस्याए हैं, लेकिन पेमेंट का एक तय समय होता है. यहां आपको भिखारी की तरह पैसों के पीछे भागना पड़ता है.

जब्बार ने ये भी कहा था कि ये समस्या सिर्फ एक्टर्स की नहीं है, बल्कि डायरेक्टर, स्पॉट बॉय, टेक्निशियन, हर किसी को प्रभावित करती है. इनमें से ज्यादातर लोगों के पास कोई यूनियन या सुरक्षा नहीं है और उन्हें कम पैसे मिलते हैं.

जब्बार के दिए बयान के कुछ वक्त बाद, एक्टर मोहम्मद अहमद ने भी अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो में यही बात दोहराई. उन्होंने कहा था कि “एक-दो प्रोडक्शन हाउस को छोड़कर, मैंने किसी को भी समय पर पैसे देते नहीं देखा. तीन-चार महीने पेमेंट लेट होना यहां नॉर्मल है.”

खुद के पैसों के लिए बेइज्जत होते हैं एक्टर्स

अहमद ने बताया कि कलाकारों को पैसे मांगते वक्त अक्सर बेइज्जती सहनी पड़ती है. उन्हें अपनी मुश्किलें बतानी पड़ती हैं तब जाकर चेक मिलता है. हमें अपना अहंकार, अपनी इज्जत सब कुछ मारकर ये पैसे लेने पड़ते हैं. एक्टर्स भिखारी नहीं होते. उन्होंने ये भी कहा था कि कई बार 20 घंटे काम करने के बाद भी जब पैसे मांगो तो नजरअंदाज कर दिया जाता है.

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ये समस्या नई नहीं है. पिछले साल दिसंबर में ‘दुनियापुर’ के स्टार्स रमशा खान और खुशहाल खान ने भी यही बात बीबीसी एशियन नेटवर्क को बताई थी. हालांकि उस प्रोजेक्ट में उन्हें समय पर पैसे मिले थे, लेकिन उन्होंने कहा कि ऐसा प्रोफेशनलिज्म बहुत कम देखने को मिलता है. कुछ समय पहले एक्ट्रेस नादिया अफगान ने भी एक पॉडकास्ट में यही चिंता जताई थी. उन्होंने बताया कि बड़े प्रोड्यूसर भी पैसे नहीं देते, इसलिए उन्होंने अपनी एक “ब्लैक लिस्ट” बना रखी है जिनके साथ वे दोबारा काम नहीं करेंगी.

अफगान ने कहा कि नए एक्टर्स इस सिस्टम को वैसे ही अपना लेते हैं और देर से पैसे मिलना स्वीकार कर लेते हैं, जिससे ये समस्या और बढ़ती जाती है. अब पुराने और नए सभी एक्टर्स, डायरेक्टर और क्रू मेंबर्स मिलकर जवाबदेही की मांग कर रहे हैं. इससे पाकिस्तान के एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की कमियां साफ दिखने लगी हैं.

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