फिल्म का नाम: रॉक ऑन 2
डायरेक्टर: शुजात सौदागर
स्टार कास्ट: फरहान अख्तर, श्रद्धा कपूर, अर्जुन रामपाल, प्राची देसाई, पूरब कोहली, शशांक अरोड़ा
अवधि: 2 घंटा 19 मिनट
सर्टिफिकेट: U/A
रेटिंग: 1.5 स्टार
साल 2008 में फरहान अख्तर ने अपने प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले अभिषेक कपूर के डायरेक्शन में म्यूजिकल फिल्म 'रॉक ऑन' बनायी थी. फिल्म को क्रिटिक ने सराहा था लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इसे औसत कमाई वाली फिल्म ही माना गया था. 'रॉक ऑन' को उस साल की बेस्ट फिल्म का और अर्जुन रामपाल को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल अवार्ड मिला था.
लगभग 8 साल के बाद अब एक बार फिर से उसी 'रॉक ऑन' फिल्म के 'मैजिक बैंड' के सदस्य कुछ और लोगों की एंट्री के साथ 'रॉक ऑन 2' फिल्म में नजर आ रहे हैं. अभिषेक कपूर की जगह इसे शुजात सौदागर ने डायरेक्ट किया है. शुजात सौदागर ने इसके पहले 2004 में टीवी ड्रामा 'बलि' को डायरेक्ट किया था. नयी और पुरानी मिक्स टीम के साथ आखिर कैसी बनी है फिल्म, आइए पता करते हैं:

कहानी:
फिल्म की कहानी पिछली फिल्म 'रॉक ऑन' से 8 साल आगे बढ़ती है, जिसमें सारे किरदार जो (अर्जुन रामपाल), आदित्य (फरहान अख्तर) और उसकी वाइफ साक्षी (प्राची देसाई), के डी (पूरब कोहली) एक बार फिर से मिलते हैं. 'जो' यानी अर्जुन रामपाल अब एक म्यूजिक रियलिटी शो के जज होने के साथ साथ म्यूजिक कंपनी के मालिक भी हैं, वहीँ के डी भी उनके साथ ही काम करता है. लेकिन आदि अब मुम्बई को छोड़कर मेघालय में रहने लगा है. कुछ ऐसी परिस्थितियां आती हैं जिसकी वजह से आदि को मेघालय छोड़कर मुम्बई आना पड़ता है. इसी बीच बैंड में नयी सिंगर जिया शर्मा (श्रद्धा कपूर ) और उदय (शशांक अरोड़ा) की एंट्री भी होती है. जिया की कुछ ऐसी कहानी होती है जिसकी कड़ी आदित्य से होकर जाती है. अब जिया बैंड के साथ गाना चाहती है लेकिन उसके पिता और म्यूजिशियन (कुमुद मिश्रा) को ये पॉप कल्चर समझ नहीं आता. आखिरकार 'मैजिक बैंड' फिर से बनता है जिसका कॉन्सर्ट शिलांग में रखा जाता है और अंततः क्या होता है, इसका पता आपको नजदीकी सिनेमाघर तक जाकर ही चलेगा.
कमजोर कड़ियां:
1. फिल्म की सबसे कमजोर कड़ी इसकी बोर करने वाली कहानी है, जो अपनी ही धुन में चलती चली जाती है.
2. जब भी किसी फिल्म का सीक्वल बनता है तो पुरानी वाली से उसकी तुलना अवश्य होती है, और यकीन मानिए जो बात 'रॉक ऑन' के संगीत और कहानी में थी उसका 10% भी इस फिल्म में सामने नहीं आया है.
3. फिल्म में कहानी जब भी थोड़ी सी भी रफ्तार पकड़ती है, अचानक से कुछ ऐसा होता है कि अगला सीक्वेंस फिर से धीमा होने लगता है. एक वक्त पर बाप- बेटी, बहन- भाई, दोस्त- दोस्त से रिलेटेड कहानी को दर्शाने की कोशिश की गयी है. लेकिन मल्टीटास्किंग के चक्कर में कुछ भी सटीक सा नहीं बैठ पाता.
4. फिल्म के सेकंड हाफ में भी ऐसा ही प्रतीत होता है कि आखिरकार कहानी शुरू कब होगी? यहां तक कि इमोशनल सीन्स भी आपको भावुक नहीं कर पाते.
5. कौन सा किरदार आखिरकार क्या करना चाहता है, इसका इल्म किसी को भी नहीं है. आदि को साक्षी और अपने बेटे से उतना प्यार नहीं, जितना कि उसको जिया और उसके करियर के बारे में चिंता दिखाई पड़ती है. कैरक्टर्स के ऊपर और ज्यादा काम किया जा सकता था. 
क्यों देखें:
फरहान अख्तर ने फिल्म में अच्छा काम किया है. वहीँ अर्जुन रामपाल, कुमुद मिश्रा, पूरब कोहली, शशांक अरोड़ा का काम ठीक है. श्रद्धा कपूर का ज्यादा रोल है लेकिन उनके एक्सप्रेशन को देखकर लगा कि कहीं ना कहीं किरदार को निभाने में उनकी कम रूचि है. लगता है श्रद्धा ने किरदार पर कम और सिंगिंग पर ज्यादा फोकस किया है. तो अगर आप इन एक्टर्स के दीवाने हैं तो एक बार फिल्म को देख सकते हैं. फिल्म की लोकेशंस अच्छी हैं. मेघालय की वादियों को देखकर आप वहां जाकर घूमने के बारे में जरूर सोच पाएंगे. वैसे एक और सीक्वल, पहली वाली फिल्म से बेहतर दिख पाने में सक्षम नहीं दिखाई पड़ता.
बॉक्स ऑफिस:
खबरों के मुताबिक 'रॉक ऑन 2 ' फिल्म का बजट लगभग 55 करोड़ बताया जा रहा है. फरहान इस फिल्म के प्रोड्यूसर भी हैं तो अगर उनकी फीस निकाल दें, तो लगभग बजट का काफी हिस्सा एक्टर्स को उनके मेहनताना के रूप में दिया गया होगा. इन दिनों भारत में 500 और 1000 रुपये को नोटों की दिक्कत की वजह से थिएटर तक वही दर्शक ज्यादा जा सकेंगे जो ऑनलाइन बुकिंग में यकीन रखते हैं और अगर ट्रेड पंडितों की मानें तो फिल्म की सफलता के लिए इसे लगभग 60 करोड़ से ज्यादा कमाना होगा.