उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर उपचुनाव होना है. इनमें से एक सीट कुंदरकी विधानसभा भी है, जहां पर तुर्क बिरादरी 40 प्रतिशत से ज्यादा है. पिछले 3 दशक से देखा गया है कि जिस पार्टी के खेमे में इस बिरादरी के वोट पड़ जाते हैं, वही विजय प्राप्त करती है. लेकिन इस बार के समीकरण कुछ अलग कहानी बयां कर रहे हैं. कारण, इस बार अगर भाजपा को छोड़ दें तो सपा, बसपा , AIMIM तीनों के ही प्रत्याशी तुर्क बिरादरी से ताल्लुख रखते हैं. इस वजह से तुर्क बिरादरी किसी भी तरफ जा सकती है.
कुंदरकी में की गई ग्राउंड रिपोर्ट से देखा गया कि तुर्क बिरादरी की पहली पसंद सपा है जो कि पिछले चुनाव में नतीजे से भी देखा गया है क्योंकि कुंदरकी सीट से विधायक रहे जिया उर रहमान भी तुर्क बिरादरी से थे और उनको तुर्क बिरादरी ने एक तरफ वोट दिया था, लेकिन इस बार अगर तुर्क बिरादरी के पास कई विकल्प हैं. जिसमें सपा, बसपा और AIMIM मौजूद है.
अगर तुर्क वोट बटता है तो किसको होगा फायदा?
चुनाव में X फैक्टर तुर्क कही जाने वाली तुर्क बिरादरी के वोट का अगर कुछ प्रतिशत सपा, बसपा और AIMIM की तरफ जाता है तो इसका सीधा फायदा भाजपा को मिलेगा क्योंकि भाजपा के पास कुछ प्रतिशत मुस्लिम वोट आने की भी संभावना है और हिंदू वोट उनके पास पहले से मौजूद है.
वहीं इसका सीधा नुकसान सपा को हुआ क्योंकि कुंदरकी लगभग 30 साल से सपा का गढ़ रहा है और यहां अगर तुर्क बिरादरी के वोट का ध्रुवीकरण होता है तो सपा को नुकसान झेलना पड़ सकता है, हालांकि ये तो आने वाला वक्त ही बता पाएगा कि कौन किसके साथ है,क्योंकि वोटर चुनाव से पहले नहीं बताना चाहता कि वह किसके खेमे में हैं.
जानिए कौन-कौन हैं प्रत्याशी
-सपा से हाजी रिजवान
-भाजपा से ठाकुर रामवीर सिंह
-बसपा से रफत उल्लाह खान
-AIMIM से हाफिस वारिस
-आजाद समाज पार्टी से हाजी चांद बाबू
सीट पर कितने किसके वोट
आपको बता दें कि तुर्क बिरादरी कुंदरकी उपचुनाव में हार और जीत तय करती है ,लगभग 60 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम वोटर में से 40 प्रतिशत तुर्क वोटर है जिसपर सभी पार्टी की निगाह बनी रहती हैं.
विधानसभा कुंदरकी
टोटल वोट: 395375
हिंदू वोट: 156000
मुस्लिम वोट: 239375
सामान्य मुस्लिम: 115000
मुस्लिम पिछड़ा वर्ग: 124375