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आडवाणी और जोशी की भले न चले, पर वाजपेयी को नहीं भुला पा रही है BJP

लालकृष्ण आडवाणी समेत तमाम बुजुर्ग नेताओं की भले ही ना चली हो, लेकिन चाह कर भी मोदी की बीजेपी अटल बिहारी वाजपेयी को भुला नहीं पा रही. अब तक प्रचार में सिर्फ 'मोदी-मोदी' ही चलता रहा लेकिन अब यूपी-बिहार में पेच फंसा है, तो अटल के सहारे की जरूरत आ ही पड़ी. तभी तो अब बीजेपी के गीत में वाजपेयी भी अपनी कविताएं गुनगुनाते नजर आने लगे हैं.

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अटल बिहारी वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी

लालकृष्ण आडवाणी समेत तमाम बुजुर्ग नेताओं की भले ही ना चली हो, लेकिन चाह कर भी मोदी की बीजेपी अटल बिहारी वाजपेयी को भुला नहीं पा रही. अब तक प्रचार में सिर्फ 'मोदी-मोदी' ही चलता रहा लेकिन अब यूपी-बिहार में पेच फंसा है, तो अटल के सहारे की जरूरत आ ही पड़ी. तभी तो अब बीजेपी के गीत में वाजपेयी भी अपनी कविताएं गुनगुनाते नजर आने लगे हैं.

दरअसल, बीजेपी ने शुक्रवार को एक नया गीत जारी किया. गीत के बोल हैं 'मैं कमल खिलाने आया हूं' जिसे गाया है उदित नारायण और प्रभाकर ने. पूरे गीत के बीच में कई बार अटल बिहारी वाजपेयी की पुरानी कविता दिखाई गई है जिसमे वो दोहरा रहे हैं कि कमल फिर खिलेगा. बीजेपी कहती है वो अटल को भूले नहीं हैं.

दरअसल, अटल बिहारी वाजपेयी के नाम की जरूरत बीजेपी को पड़ ही गई. बीजेपी जानती है कि लखनऊ से बार-बार जीतने वाले अटल का नाम और काम पूरे राज्य में बिकता है. ऐसे में जब प्रचार पूरे जोरों पर है, अटलजी को फिर से सामने लाना पार्टी को फायदा जरूर पहुंचाएगा. हालांकि मोदी अब भी प्रचार में छाए हुए हैं.

बीजेपी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि 'कमल खिलाने आया हूं' हमारा पुराना नारा है और हमने इसे नए रंग में पेश किया है. अब ये बात और है कि आडवाणी, जोशी जैसे दिग्गजों को अब तक जगह नहीं मिल पाई है.

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