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'कांग्रेस को वोट न दो तो बीजेपी को दे देना लेकिन...', बोले अमीन खान

कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ विधायक अमीन खान शिव विधानसभा से 10वीं बार चुनाव लड़ रहे हैं. इस बार टिकट को लेकर अमीन खान को काफी मशक्कत करनी पड़ी. जयपुर से लेकर दिल्ली तक चक्कर काटने पड़े. इसी सीट से कांग्रेस के जिलाध्यक्ष फतेह खान भी अपनी दावेदारी कर रहे थे.

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कांग्रेस नेता अमीन खान. (फाइल फोटो)
कांग्रेस नेता अमीन खान. (फाइल फोटो)

राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर नेता प्रचार में जुटे हुए हैं. इसी बीच कांग्रेस के एक विधायक ने प्रचार के दौरान ऐसा कुछ कह दिया कि आलाकमान से लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता सकते में आ गए. कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक अमीन खान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वो लगातार 5 बार विधायक रहे हैं. इस बार लगातार 10वीं बार बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं.

वायरल वीडियो में 84 साल के अमीन खान प्रचार के दौरान कहते दिख रहे हैं, अगर आपको हमसे नाराजगी हो तो वोट किसी निर्दलीय को मत देना, बीजेपी को दे देना. यह बयान कांग्रेस के लिए गले की हड्डी बन गया है. गौरतलब है कि अमीन खान से खफा होकर बाड़मेर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष फतेह खान निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं. इसी विधानसभा से रविंद्र सिंह भाटी भी निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं.

कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ विधायक अमीन खान शिव विधानसभा से 10वीं बार चुनाव लड़ रहे हैं. इस बार टिकट को लेकर अमीन खान को काफी मशक्कत करनी पड़ी. जयपुर से लेकर दिल्ली तक चक्कर काटने पड़े. इसी सीट से कांग्रेस के जिलाध्यक्ष फतेह खान भी अपनी दावेदारी कर रहे थे.

अमीन खान पांच बार विधायक रह चुके हैं और एक बार मंत्री भी. अमीन के सामने पहली बार कांग्रेस से किसी ने बगावत की है. इसलिए अमीन खान खफा चल रहे हैं. कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष फतेह खान को मनाने की काफी कोशिश की लेकिन वो चुनाव मैदान में डटे हैं. इसलिए अमीन अपने चुनाव प्रचार के दौरान कह रहे हैं कि 5 साल में कांग्रेस ने जमकर कामकाज किया है. अगर काम पसंद नहीं आए हो तो वोट बीजेपी को दे देना लेकिन निर्दलीय को मत देना.

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बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते है अमीन खान

विधायक अमीन खान अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं. कई बार उन्होंने विवादास्पद बयान दिए हैं. एक बयान की वजह से तो अमीन को मंत्री पद तक गंवाना पड़ गया था. उन्होंने राष्ट्रपति को लेकर अमर्यादित टिप्पणी कर दी थी. 

34 साल से सक्रिय फतेह खान

कांग्रेस जिलाध्यक्ष फतेह खान पिछले करीब 34 साल से कांग्रेस में थे. संगठन स्तर पर कामकाज देख रहे थे. इस बार फतेह खान कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे और फतेह खान का टिकट लगभग तय माना जा रहा था लेकिन ऐन-वक्त पर कांग्रेस आलाकमान ने फतेह खान का टिकट काटकर फिर से अमीन खान को दे दिया. इसी से नाराज फतेह खान ने कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला कर दिया.

पूरे राजस्थान में शिव विधानसभा के चुनाव की चर्चा

बताते चलें कि पूरे राजस्थान में शिव विधानसभा के चुनाव की चर्चा इसलिए भी है कि युवाओं की आवाज बने रविंद्र सिंह भाटी भी इसी विधानसभा से आते हैं. भाटी इस चुनाव में बीजेपी से टिकट ना मिलने के बाद बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने की ताल ठोक चुके हैं.

भाटी पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े विश्वविद्यालय जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी से 57 साल के इतिहास में पहली बार निर्दलीय चुनाव जीते और उसके बाद अरविंद सिंह भाटी को भी जिताया. गहलोत सरकार के खिलाफ कई आंदोलन किया इस वजह से भाटी युवाओं की आवाज माने जाते हैं.

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इसी विधानसभा सीट से बीजेपी के पूर्व विधायक रहे और संघ पृष्ठभूमि के जालमसिंह रावलोत भाजपा छोड़कर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी में शामिल हो चुके हैं. वहीं जालम सिंह भी इसी विधानसभा से आरएलपी से चुनाव लड़ रहे हैं. 

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