उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से लेकर गुजरात में कांग्रेस तक ने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर मतदान प्रभावित करने का आरोप लगाया है. समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक के बाद कई ट्वीट किए. इसमें उत्तर प्रदेश के संभल में वोटिंग को लेकर पार्टी की तरफ से गंभीर आरोप लगाए गए हैं. सपा का कहना है कि संभल में मुस्लिम मतदाताओं को वोट डालने से रोका जा रहा है.
सपा ने लिखा, ‘संभल लोकसभा के संभल में बूथ संख्या 11 पर पुलिस द्वारा मुस्लिम मतदाताओं को उनका पहचान पत्र छीनकर वोट डालने से रोका जा रहा है. चुनाव आयोग संज्ञान लें, निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित हो.’ एक दूसरे ट्वीट में सपा ने लिखा, ‘संभल लोकसभा के असमोली में बूथ संख्या 181, 182, 183, 184, 185, 210 और 211 पर पुलिस बल द्वारा मतदाताओं के साथ अभद्रता और मारपीट की जा रही है. संज्ञान ले चुनाव आयोग, निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित हो.’
डिंपल और अखिलेश ने उठाए पुलिस-प्रशासन पर सवाल
डिंपल यादव और अखिलेश यादव ने भी ‘आजतक’ से बातचीत में प्रशासन और पुलिस पर सवाल उठाए हैं. संभल के अलावा सपा ने मैनपुरी सीट से लेकर बदायूं, आंवला और आगरा समेत तमाम जगहों पर मुस्लिम मतदाताओं को परेशान करने और वोटर्स पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है. सपा ने इन तमाम मामलों का चुनाव आयोग से संज्ञान लेने को कहा है.
इस पूरे मामले को लेकर सपा नेता अमीक जमाई ने कहा कि तीसरी फेस के चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं को मतदान से रोका जा रहा है. सपा नेता अमीक जमाई ने कहा चुनाव आयोग अंधा और बहरा हो चुका है. उनको वीडियो देख कर भी नहीं समझ आ रहा है. उस दिन तो बहुत शायरियां कर रहे थे, लेकिन कार्रवाई केवल एक तरफा है.
बीजेपी ने किया पलटवार, कहा मुस्लिम किसी की जागीर नहीं
इस पूरे मामले में पलटवार करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि सपा को अब यह पता चल गया है कि हम मुसलमान किसी की जागीर नहीं है. इसलिए यह रोना धोना कर रहे हैं, बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं. मुस्लिम वोट अब बीजेपी की तरफ है. चुनाव आयोग ने निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराया है.
आपको बता दें कि संभल सीट पर साल 2019 में सपा के डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क की जीत हुई थी. उनके निधन के बाद सपा ने उनके पोते जियाउर्रहमान बर्क को मैदान में उतारा है. बीजेपी ने परमेश्वर लाल सैनी और बसपा ने शौकत अली को टिकट दिया है. संभल में इस बार कुल 18 लाख 92 हजार वोटर्स हैं. एक अनुमान के मुताबिक, यहां मुस्लिम वोटर्स की संख्या 8 लाख 89 हजार के करीब है. यानी यहां मुस्लिम वोटर्स निर्णायक भूमिका में हैं.