गुजरात के राजकोट लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार परषोत्तम रूपाला के रजवाड़ों को लेकर दिए गए बयान पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. गुजरात के क्षत्रिय समाज का आक्रोश रूपाला को लेकर बढ़ता ही जा रहा है. क्षत्रिय संगठनों ने बीजेपी से राजकोट में अपना उम्मीदवार बदलने की मांग की है. अब इस मामले में गुजरात के पूर्व सीएम शंकरसिंह वाघेला की एंट्री भी हो गई है. उन्होंने कहा है कि क्षत्रिय समाज को लेकर परषोत्तम रूपाला की मानसिकता स्पष्ट हो चुकी है. ऐसे में भाजपा क्षत्रिय समाज की बात सुनें और राजकोट से रूपाला की उम्मीदवारी रद्द करे.
शंकरसिंह वाघेला ने कहा, 'परषोत्तम रूपाला का पूरा मामला दिल्ली तक पहुंच चुका है. उम्मीद है पीएम नरेंद्र मोदी स्थिति का संज्ञान लेकर अंतिम निर्णय लेंगे. रूपाला के बयान से क्षत्रिय बहनों की भावना को ठेस पहुंची है. इस स्थिति में मुझे उम्मीद है कि क्षत्रिय महिलायें पीएम मोदी को पोस्टकार्ड लिखेंगी. याद रहे की लोकशाही के प्रणेता राजा-रजवाड़े ही रहे हैं. अगर वे देश के साथ मिले नहीं होते तो लोकशाही न होती. रजवाड़ों के लिए कुछ भी बोलना बीजेपी के किसी नेता को शोभा नहीं देती. क्षत्रिय समाज पर कुछ भी टिप्पणी कर देना और पार्टी को नुकसान ना हो इसलिए माफी मांग लेने से बात खत्म नहीं हो जाती.'
'चिंगारी भड़की तो बीजेपी हाईकमान जिम्मेदार होगा'
शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि यदि राजकोट से परषोत्तम रूपाला की उम्मीदवारी रद्द नहीं होती, तो यह माना जाएगा कि उनके बयान को बीजेपी हाईकमान का समर्थन है. उन्होंने कहा, 'अभी तक तो राजकोट से रूपाला का टिकट बदलने का निर्णय हो जाना चाहिए था. बीजेपी ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया है. उन्हें लगता है कि क्षत्रिय समाज को मना लेंगे. क्षत्रियों की जरूरत बीजेपी को नहीं है, ऐसा साबित हो रहा है. पर बीजेपी एक बात समझ ले कि अभी तो रूपाला का विरोध गुजरात में हो रहा है, यह आग राजस्थान में भी फैलेगी.'
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गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'रूपाला के बयान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाली क्षत्रिय महिलाओं को पुलिस हिरासत में लिया जा रहा है. चिंगारी भड़की तो बीजेपी हाईकमांड जिमेदार होगा. मौजूदा स्थिति को देखकर मुझे डर है कि कहीं स्थिति हाथ से बाहर ना हो जाए. बीजेपी ने विरोध के चलते ही साबरकांठा और वडोदरा में कैंडिडेट बदला है. बीजेपी परषोत्तम रूपाला को राजकोट से अपना कैंडिडेट न बनाए, वरना यह चिंगारी जहा पहुंचेगी उसकी जिम्मेदार बीजेपी हाईकमांड खुद होगा. महाभारत में दुर्योधन ने द्रौपदी के साथ जो किया उसके बाद महाभारत हुई. अगर वैसी स्थिति को रोकना है, तो बीजेपी हाईकमांड राजकोट से कैंडिडेट बदल दे.'
'क्षत्रिय बड़ा दिल दिखाएं और रूपाला को माफ करें'
परषोत्तम रूपाला के बयान को लेकर क्षत्रिय समाज की तरफ से लगातार आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है. बीजेपी भी इससे परेशान दिख रही है, जिसके चलते पार्टी के गुजरात अध्यक्ष सीआर पाटिल ने अपने गांधीनगर आवास पर सीएम भूपेंद्र पटेल की मौजूदगी में क्षत्रिय समाज के नेताओं की बैठक बुलायी है. सीआर पाटिल ने एक बयान में कहा, 'क्षत्रिय समाज हमेशा बीजेपी से जुड़ा रहा है. ऐसे में 3 अप्रैल को क्षत्रिय समाज की 90 संकलन समितियों के प्रमुखों संग बैठक कर उनकी बात सुनेंगे और उन्हें समझाने की कोशिश करेंगे. परषोत्तम रूपाला ने दो हाथ जोड़कर अपनी टिप्पणी के लिए क्षत्रिय समाज से माफी मांगी है. क्षत्रिय समाज बड़ा दिल रखकर रूपाला को माफ करे.'
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परषोत्तम रूपाला ने रजवाड़ों पर क्या बयान दिया था?
सोशल मीडिया पर 23 मार्च को एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें रूपाला को राजकोट में एक दलित कार्यक्रम में बोलते हुए दिखाया गया. वीडियो में उन्हें कथित तौर पर यह कहते हुए सुना गया, 'दूसरे ने भी हम पर राज किया. अंग्रेजों ने भी ऐसा ही किया और...उन्होंने हमें सताने में कोई कसर नहीं छोड़ी. राजा भी झुक गये. उन्होंने (राजाओं ने) उनके (अंग्रेजों) साथ रोटियां तोड़ीं और अपनी बेटियों की शादी उनसे की. लेकिन हमारे रुखी (दलित) समुदाय ने न तो अपना धर्म बदला और न ही अंग्रेजों के साथ दोस्ताना संबंध स्थापित किए, जबकि उन पर सबसे अधिक अत्याचार हुआ.' उनके इस बयान पर क्षत्रिय संगठनों ने उग्र रोष व्यक्त किया. राज्य के विभिन्न हिस्सों में रूपाला के पुतले जलाए गए. बता दें कि परषोत्तम रूपाला, वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं और कड़वा पाटीदार समुदाय से आते हैं.