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कानपुर: चुनावी मैदान में कांग्रेस, सपा और BJP प्रत्याशियों के नाम से मिलते जुलते निर्दलीय उम्मीदवार

कानपुर में लोकसभा की दो सीट हैं. एक कानपुर शहर, दूसरी अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र. यहां पर बीजेपी, कांग्रेस और सपा के प्रत्याशियों ने नामांकन कराया है.इन प्रत्याशियों को अब अपने नाम से खतरा पैदा हो गया है. क्योंकि इन सीटों पर एक ही नाम वाले अलग-अलग निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी नामांकन कर दिया है. ऐसे में अपनी वोट दूसरे प्रत्याशी को चले जाने का डर इन्हें सताने लगा है.

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 नामांकन पत्र दाखिल करते उम्मीदवार
नामांकन पत्र दाखिल करते उम्मीदवार

पहले भी कई चुनावों में ऐसा देखा जा चुका है कि एक नाम के दो प्रत्याशी होने पर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के बदले दूसरे निर्दलीय के खाते में काफी वोट चले गए हैं. हालांकि, कानपुर में दोनों सीटों से लड़ रही बीजेपी, कांग्रेस और सपा प्रत्याशियों का दावा है कि इससे ज्यादा उनकों फर्क नहीं पड़ेगा. फिर भी वोटरों को नाम को लेकर कनफ्यूजन जरूर होगा.

कानपुर से बीजेपी और कांग्रेस दोनों प्रत्याशियों के हमनाम निर्दलीय उम्मीदवार
पहले बात करते हैं कानपुर शहर लोकसभा सीट की.  यहां से बीजेपी ने रमेश अवस्थी को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने आलोक मिश्रा को अपना प्रत्याशी बनाया है. इन दोनों लोगों ने अपना नामांकन कर दिया था, लेकिन अब इनके नामांकन के बाद भाजपा प्रत्याशी रमेश अवस्थी के मिलते-जुलते नाम से एक निर्दलीय रमेश चंद्र अवस्थी ने भी अपना नामांकन कराया है. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी आलोक मिश्रा के नाम से भी निर्दलीय प्रत्याशी आलोक मिश्रा ने नामांकन कराया है.

अकबरपुर में भी सपा प्रत्याशी के नाम से निर्दलीय ने भरा पर्चा
अब कानपुर की दूसरी लोकसभा सीट अकबरपुर की बात की जाए, तो यहां पर यह इंडिया गठबंधन ने सपा से उम्मीदवार दिया है.  सपा की तरफ से पूर्व सांसद राजा रामपाल अपना नामांकन कर चुके हैं, लेकिन उनके नाम के ही एक अन्य निर्दलीय प्रत्याशी राजा रामपाल ने भी पर्चा भरा है.

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वोट डालते समय मतदाताओं को होगा कनफ्यूजन
इस तरह जब मतदान होगा तो वोटिंग मशीन में रमेश अवस्थी और रमेश चंद्र अवस्थी नाम के प्रत्याशियों के नाम एक साथ होंगे. इसी तरह कांग्रेस प्रत्याशी आलोक मिश्रा के साथ निर्दलीय प्रत्याशी आलोक मिश्रा का भी नाम होगा. वहीं अकबरपुर सीट से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी राजा रामपाल के साथ उनके नाम से मिलते निर्दलीय प्रत्याशी राजा रामपाल का नाम भी होगा. 

जल्दबाजी में निर्दलीय प्रत्याशी के खाते में जा सकते हैं वोट
ऐसे में मतदान करने वाला जल्दबाजी में अपने प्रत्याशी के नाम की जगह दूसरे नाम वाले प्रत्याशी को वोट डाल सकता है. यह एक स्वाभाविक चूक होती है, जो अक्सर देखी जाती है. ऐसे में अब राष्ट्रीय पार्टियों के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे बीजेपी, कांग्रेस और सपा के प्रत्याशियों की चिंता बढ़ सकती है कि कहीं उनके वोटर उनके नाम की जगह उनके सामने खड़े निर्दलीय प्रत्याशी को वोट ना दे दे.

पार्टी प्रत्याशियों को नहीं पड़ रहा कोई फर्क
इस मामले में भाजपा प्रत्याशी रमेश अवस्थी का कहना है कि मेरे नाम के अन्य  निर्दलीय प्रत्याशी के चुनाव लड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ता. हमारा वोटर जागरूक है. बस वह समझ कर वोट दे. वहीं आलोक मिश्रा का कहना है मेरे नाम का निर्दलीय उम्मीदवार मेरे सामने खड़े होने से कोई चिंता वाली बात नहीं है. जीत मेरी ही होगी. वहीं राजा रामपाल का  कहना है एक नाम के दो प्रत्याशी पहले भी लड़ते रहे हैं. हमारा वाटर हमें ही वोट देगा

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वहीं निर्दलीय प्रत्याशी रमेश चंद्र अवस्थी, आलोक मिश्रा और राजा रामपाल का कहना है चुनाव लड़ना सबका अधिकार है. हम भी जीतने के लिए लड़ रहे हैं. उम्मीद है जनता हमको वोट देगी और हमारी जीत सुनिश्चित करेगी. 

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