
बिहार की कुटुंबा विधानसभा सीट (Kutumba Assembly Seat) औरंगाबाद जिले में आती है. यह सीट अनुसूचित जाति (SC) समुदाय के लिए आरक्षित है. कुटुंबा विधानसभा सीट एनडीए की ओर से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) को हार का सामना करना पड़ा जबकि कांग्रेस प्रत्याशी ने 16653 वोटों से जीत दर्ज की. बता दें कि कुटुंबा विधानसभा सीट पर इस बार 28 अक्टूबर को वोट डाले गए और कुल 51.76% मतदान हुआ.
इस बार के उम्मीदवार
एनडीए गठबंधन से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) ने श्रवण भुइंया को अपना उम्मीदवार बनाया जबकि महागठबंधन में कांग्रेस ने राजेश कुमार को चुनाव मैदान में उतारा. वहीं, जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक ने अरुण कुमार और लोजपा ने सुरुण पासवान, बसपा से कृष्ण कुमार पासवान को अपना प्रत्याशी बनाया. इसके अलावा पप्पू यादव की पार्टी ने अनिल कुमार पर भरोसा जताया.

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2015 के चुनावी नतीजे
2015 के विधानसभा चुनाव में कुटुंबा विधानसभा सीट से कांग्रेस के राजेश कुमार ने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संतोष कुमार को 10 हजार से अधिक वोटों से हराया था. बता दें कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (आरजेडी-जेडीयू-कांग्रेस) बनाम बीजेपी-एलजेपी मुकाबला हुआ था. विधानसभा की कुल 243 सीटों में से महागठबंधन के दलों को 178 सीटें हासिल हुई थीं. RJD को 80, जेडीयू को 71 और कांग्रेस को 27 सीटों पर जीत मिली थी. जबकि बीजेपी को सिर्फ 53 सीटें मिली थीं. वहीं सहयोगी एलजेपी को 2 सीटें मिली थीं.
सीट का इतिहास
औरंगाबाद जिले के अंतर्गत आने वाली यह एससी समुदाय के लिए आरक्षित है. 2008 के परिसीमन के बाद कुटुंबा विधानसभा सीट अस्तित्व में आई थी. 2010 में यहां पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे. 2010 के चुनाव में JDU के ललन राम ने जीत हासिल की थी. उन्होंने RJD के सुरेश पासवान को हराया था.