बिहार की सियासत में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के 'कलम बांटने' को लेकर बवाल मचा हुआ है. बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तेजस्वी पर हमला बोलते हुए कहा कि 'वो कलम बांट नहीं रहे, फेंक रहे हैं. पहले खुद कलम का इस्तेमाल करना सीखें, उसके बाद दूसरों को ज्ञान दें.' गिरिराज सिंह ने यह भी तंज कसा कि 'चोरों को हर जगह चोर ही नजर आते हैं.'
'चोरों को हर जगह चोर ही दिखाई देते हैं'
गिरिराज सिंह ने कहा, 'तेजस्वी यादव कलम बांट नहीं रहे बल्कि फेंक रहे हैं. पहले वह खुद कलम का इस्तेमाल करना सीख लें, फिर दूसरों को कलम का महत्व बताएं.' एनडीए पर हथियार बांटने का आरोप लगाने को लेकर गिरिराज सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव अपने पिता के रास्ते पर चल रहे हैं. उन्होंने कहा, 'जैसा उनके पिता का काम था, वैसा ही बेटा कर रहा है. चोरों को हर जगह चोर ही दिखाई देते हैं.'
'बिहार अधिकार यात्रा में उमड़ी भीड़ से विरोधी बौखला गए'
वहीं, आरजेडी ने इसका करारा जवाब दिया है. पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार अधिकार यात्रा में उमड़ी भीड़ से विरोधी बौखला गए हैं. तेजस्वी यादव के अश्वमेध का घोड़ा निकल चुका है. अब यह विजय के साथ ही रुकेगा. जिस मोकामा में कभी AK–47 बांटी जाती थी, वहीं तेजस्वी ने कलम बांटकर शिक्षा और बदलाव का संदेश दिया है.
'...और इन्हें मुख्यमंत्री बनना है'
इस बीच, बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि 'मां सरस्वती की आराधना करने वाले हिंदू समाज में, अगर पेन गलती से हाथ से गिर जाए तो उसे उठा कर माथे से लगाया जाता है. अयुध पूजा पर, जो नवरात्रि (या दशहरा) के नौवें दिन होती है, कलम की पूजा औजार के रूप में की जाती है.'
उन्होंने आगे लिखा, 'वसंत पंचमी पर, जो देवी सरस्वती को समर्पित है, कलम को ज्ञान, बुद्धि और सृजनशीलता का प्रतीक मानकर पूजते हैं. ऐसे बिहार में, जहां हर घर में शिक्षा का वास है, एक नौवीं फेल लोगों के बीच पेन फेंक रहा है और इन्हें मुख्यमंत्री बनना है.'