Jammu and Kashmir Panchayat Aaj Tak 2024: जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले घाटी का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुटे हैं. चुनावी मिजाज और असली मुद्दों को समझने के लिए आज 'पंचायत आजतक' का मंच सजा. इसमें कई मशहूर हस्तियों ने शिरकत की. इसी कार्यक्रम में वकील और सामाजिक कार्यकर्ता शबनम गनी लोन भी पहुंची. उनके साथ इस मंच पर जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस की सोशल मीडिया इंचार्ज इफरा जान भी पहुंची. दोनों में इस दौरान कई मुद्दों पर तीखी बहस देखने को मिली.
'मुस्लिमों को चाहिए कश्मीरी पंडितों को बुलाएं...'
कार्यक्रम में शबनम गनी लोन से जब कश्मीरी मुद्दों पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की पार्टियां कहती हैं कि यहां के लोगों को रोजगार देंगे. लेकिन मुझे हैरानी होती है कि आखिर सिर्फ रोजगार की ही बात क्यों होती है. क्यों हमारे कश्मीरी युवा सिर्फ नौकरी करें. उन्हें वो सबकुछ मिलना चाहिए जो वो कर सकते हैं. वो चुनाव लड़ सकें, बिजनेस कर सकें. शबनम ने कहा कि शांति का असली मकसद तब कामयाब होगा जब कश्मीरी मुस्लिम यहां से गए हुए कश्मीरी पंडितों को दिल खोलकर वापस बुलाएं और कहें कि आप वापस आइए हम फिर साथ में मिलकर अच्छे से रहेंगे.
शबनम ने कहा कि आप देखें तो कश्मीरी पंडितों को सबसे समझदार और पढ़ा लिखा माना जाता है. यहां के मुस्लिमों को चाहिए वो पंडितों को अपना आदर्श मानें और उन्हें घाटी में वापस बुलाएं. साथ में मिलकर काम करें.
एनसी और पीडीपी पर भड़कीं
शबनम गनी लोन ने कहा कि जब बीजेपी और एलजी की ओर से ये कहा जाता है कि मौजूदा समय घाटी के लिए बहुत अच्छा है तो मुझे हैरानी होती है. उन्होंने कहा कि तर्क दिया जाता है कि पिछले 10 साल में घाटी में बहुत शांति है, पत्थरबाजी नहीं हो रही है. लेकिन ये पूरा सच नहीं है. आप देखेंगे तो यहां भले ही पत्थरबाजी नहीं हो रही है लेकिन लोग दिल और दिमाग से अशांत हैं. वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि इन दोनों पार्टियों को सिर्फ सत्ता चाहिए. उन्हें इससे मतलब नहीं है कि यहां के मसले कैसे शांत होंगे.
इंजीनियर राशिद के सवाल पर क्या बोलीं शबनम...
शबनम गनी लोन ने कहा कि मैं हैरान हूं कि जब से इंजीनियर राशिद को बेल मिली है तब से पीडीपी और अन्य दल राशिद को बीजेपी की बी टीम बता रहे हैं. लेकिन सही मायनो में ये कोर्ट की अवमानना है. अगर कोर्ट एक्शन ले तो इन्हें चुनाव लड़ने से भी रोका जा सकता है.
क्या बोलीं इफरा जान
जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस की मीडिया इंचार्ज इफरा जान ने कहा कि हमारी पार्टी कश्मीरी युवाओं को सरकारी नौकरी देने के लिए प्रतिबद्ध है. बीजेपी पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू में पिछले 10 सालों में कई राजनीतिक दल उभरे हैं. लेकिन आप देखें कि आखिर कश्मीर घाटी में क्या हालात हैं. हम राज्य की बहाली के लिए लड़ते रहेंगे. इफरा जान ने कहा कि हम ये नहीं चाहते हैं कि हमारे घाटी के युवा पीएचडी करके सड़कों पर ड्राईफ्रूट बेचें.
तीन चरणों में होगा मतदान
बता दें कि जम्मू-कश्मीर 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. 370 खत्म किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित क्षेत्र बना दिया गया था. इसके बाद पहली बार चुनाव होने जा रहे हैं. चुनाव तीन चरणों में होंगे. राज्य की 90 विधानसभा सीटों के लिए 18 सिंतबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदाता अपने मत का इस्तेमाल करेंगे. वहीं 8 अक्टूबर को चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे.