INDIA ब्लॉक में सीट शेयरिंग की कवायद अब निर्णायक दौर में पहुंच गई है. आरजेडी और वीआईपी के बीच बैठकें लगातार जारी हैं, जिसमें सीट-टू-सीट हिसाब पर गहन विचार-विमर्श हो रहा है. सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी ने वीआईपी को अपनी पेशकश करीब 18 सीटों तक बढ़ा दी है, लेकिन वीआईपी के मुखिया मुकेश सहनी इससे ज्यादा और कठिन सौदा चाहते हैं.
मुकेश सहनी की पार्टी 25 सीटों को अधिक व्यावहारिक विकल्प मान रही है. वीआईपी के सूत्रों के अनुसार, बैठकें देर रात तक चली हैं और हर सीट के समीकरण पर विस्तार से बात हो रही है.
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इन चर्चाओं का सबसे बड़ा फोकस मिथिला और तिरहुत डिवीजन पर है, जहां वीआईपी की पकड़ बेहतर मानी जाती है. अरजेडी और कांग्रेस के ऐसे कई क्षेत्रों की भी चर्चा हो रही है जहां दोनों का पारंपरिक प्रभाव रहा है. मुकेश सहनी खुद सीधे तौर पर तेजस्वी यादव से बातचीत कर रहे हैं ताकि वीआईपी का हित सुरक्षित रह सके.
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CPI(एमएल)-आरजेडी में तेजी से फॉर्मूला तैयार
सीपीआई(एमएल) और आरजेडी के बीच भी पिछले दो दिनों में दो दौर की मैराथन बातचीत हो चुकी है. सीटों की संख्या और जीतने वाले उम्मीदवारों को लेकर चर्चा तेज हो गई है. सीपीआई(एमएल) लगभग 30 विधानसभा सीटों के लिए चर्चा में है, जिसमें वे उन सीटों की मांग भी कर रहे हैं जहां आम तौर पर आरजेडी के उम्मीदवार चुनाव लड़ते रहे हैं.
कुछ असफल सीटों को लेकर भी पुनर्विचार का फॉर्मूला आरजेडी ने रखा है. सीपीआई(एमएल) के एक वरिष्ठ नेता का कहना है, "हमने 2020 में 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार हमारी प्रदर्शन और सीट कन्वर्जन रेश्यो को ध्यान में रखते हुए संख्या बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है."
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झारखंड मुक्ति मोर्चा को मिलेगी जगह
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के साथ आरजेडी का सीट शेयरिंग समझौता लगभग फाइनल माना जा रहा है. जेएमएम को पहली बार बिहार महागठबंधन के तहत चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा. जैसे ही आरजेडी, कांग्रेस, सीपीआई(एमएल) और वीआईपी के बीच आम सहमति बनेगी, जेएमएम के हिस्से की सीटें साफ हो जाएंगी. जेएमएम को आरजेडी के कोटे से सीट दी जाएगी.
इस बार गठबंधन की कोशिश है कि सभी दलों के दावों के साथ जीत का गणित मजबूत रहे, ताकि चुनावी नतीजे पक्ष में आएं.