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आलाकमान का मैसेज और सरेंडर को तैयार अनंत सिंह... गिरफ्तारी के पीछे की Inside Story

बिहार के मोकामा हत्याकांड में आरोपी अनंत सिंह को जेडीयू नेतृत्व ने पहले ही कानून कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा था. उन्होंने 2 नवंबर को सरेंडर की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस ने 1 नवंबर की आधी रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

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दुलारचंद के पोते ने अनंत सिंह पर कई आरोप लगाए हैं. (File Photo: ITG)
दुलारचंद के पोते ने अनंत सिंह पर कई आरोप लगाए हैं. (File Photo: ITG)

बिहार के मोकामा हत्याकांड से जुड़ी अनंत सिंह की गिरफ्तारी पर एक बड़ी खबर सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक, दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में आरोपी अनंत सिंह को जेडीयू के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से पहले ही मैसेज दे दिया गया था. इस मैसेज में उन्हें कानून कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा गया था.

पार्टी नेतृत्व से मैसेज मिलने के बाद अनंत सिंह ने 2 नवंबर को सरेंडर करने का मन बना लिया था. 

इसीलिए अनंत सिंह ने 1 नवंबर को मोकामा में चुनाव प्रचार भी किया था. लेकिन अनंत सिंह सरेंडर करते, इससे पहले ही पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा गिरफ्तारी के लिए बाढ़ पहुंच गए.

आधी रात हुई अनंत सिंह की गिरफ्तारी...

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अनंत सिंह सरेंडर करते, इससे पहले ही पुलिस ने कार्रवाई कर दी. 1 नवंबर की आधी रात पुलिस ने अनंत सिंह को गिरफ्तार किया था. दुलारचंद यादव की हत्या में नामजद होने के बावजूद अनंत सिंह अंडरग्राउंड नहीं हुए थे.

अनंत सिंह पर 15 दिन पहले धमकी देने का आरोप

दुलार चंद के पोते नीरज ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस और प्रशासन अनंत सिंह को बचाने में लगे हुए हैं. नीरज के अनुसार, उनके दादा को 15 दिन पहले धमकी दी गई थी. खुद अनंत सिंह ने फोन कर कहा था कि अगर चुनाव प्रचार से नहीं हटे तो जान से मार देंगे.

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नीरज ने यह भी बताया कि उनके बयान में जो विरोधाभास दिखा, वह इसलिए था क्योंकि उस समय वे बहुत नर्वस थे. उन्होंने कहा कि अनंत सिंह के दो से तीन साथियों ने उनके काफिले को रोका और उनके दादा को गाड़ी से बाहर खींच लिया. नीरज ने कहा कि प्रशासन को यह बताना चाहिए कि गोली किसने चलाई और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो भी तथ्य सामने आएं, लेकिन सच यही है कि गोली मारी गई थी.

उन्होंने कहा कि अब वे चुनाव प्रचार से पूरी तरह दूर हैं, लेकिन अपने दादा के लिए न्याय की लड़ाई जारी रखेंगे. नीरज ने कहा, जब तक अनंत सिंह को फांसी नहीं होती, वे चैन से नहीं बैठेंगे.

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