बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीख़ों के ऐलान के साथ ही NDA के भीतर सीट बंटवारे को लेकर खींचतान तेज हो गई है. हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख और केंद्र सरकार में मंत्री जीतन राम मांझी अब खुलकर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर कर रहे हैं. मांझी ने साफ संकेत दिया है कि उनकी पार्टी 15 सीटों से कम पर समझौता नहीं करेगी. पार्टी सूत्रों का कहना है कि मांझी गठबंधन में 'सम्मानजनक हिस्सेदारी' चाहते हैं और किसी भी हालत में खुद को ‘साइडलाइन’ नहीं होने देंगे.
मांझी के क़रीबी सूत्रों के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से सीट शेयरिंग पर BJP और JDU के बीच बातचीत तो आगे बढ़ रही है, लेकिन छोटे सहयोगियों को लेकर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो सकी है. बताया जा रहा है कि मांझी की पार्टी को अब तक सिर्फ 7 से 8 सीटों का ऑफर मिला है, जबकि वे 15 सीटों की मांग पर अड़े हैं. इसी को लेकर पार्टी में नाराज़गी का माहौल है.
NDA में 15 सीटें चाहते हैं मांझी
फिलहाल जीतन राम मांझी केंद्र सरकार में मंत्री हैं और NDA के पुराने सहयोगियों में गिने जाते हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने चार सीटों पर जीत हासिल की थी, जिनमें से तीन पर उनकी पार्टी के उम्मीदवार जीते थे. मांझी का राजनीतिक प्रभाव विशेष रूप से गया, जहानाबाद और औरंगाबाद ज़िलों में माना जाता है. यही वजह है कि वे इस बार गठबंधन में अपनी हैसियत बनाए रखना चाहते हैं.
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असम दौरे पर रवाना हुए मांझी
सीटों पर जारी इस खींचतान के बीच जीतन राम मांझी असम के सरकारी दौरे पर रवाना हो गए हैं. उनके नज़दीकी सूत्रों ने कहा कि यह पूरी तरह आधिकारिक यात्रा है और असम में वे मंत्रालय से जुड़े कामकाज की समीक्षा करेंगे. हालांकि, राजनीतिक हलकों में इसे दिल्ली से रणनीतिक दूरी बनाकर चलने का संकेत भी माना जा रहा है. मांझी अब 10 अक्टूबर के बाद ही दिल्ली लौटेंगे और माना जा रहा है कि लौटने के बाद NDA के शीर्ष नेताओं से उनकी निर्णायक बैठक हो सकती है.
दो चरणों में हो रहे चुनाव
बता दें कि कल यानी सोमवार को ही चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख़ों का ऐलान किया था. इस बार राज्य में मतदान तीन चरणों में होगा — पहला चरण 6 नवंबर, दूसरा 11 नवंबर को होगा. जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी. चुनावी सरगर्मी के बीच NDA के भीतर सीट बंटवारे की यह खींचतान साफ इशारा करती है कि गठबंधन को अंदरूनी समन्वय साधने में अभी कुछ वक्त लगेगा.