जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आ चुके हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) की अगुआई में बने गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला है. नेशनल कांफ्रेंस इन चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. पार्टी को सबसे ज़्यादा 42 सीटें मिलीं. वहीं, पार्टी के गठबंधन सहयोगी कांग्रेस को 6 सीट, जबकि सीपीएम को 1 सीट मिली. आर्टिकल 370 के खात्मे के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार हुए इस चुनाव में बीजेपी को 29 सीटें मिली हैं. इस चुनाव में विभिन्न गठबंधनों का प्रदर्शन कैसा रहा, नीचे देखें.
विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन (Political Alliance) की अहमियत भारतीय राजनीति में काफी महत्वपूर्ण होती है, खासकर तब जब चुनावी मुकाबला कड़ा होता है या किसी पार्टी को अकेले बहुमत हासिल करने में कठिनाई हो. भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में जाति, धर्म, क्षेत्रीयता, और सामाजिक वर्गों के आधार पर मतदाताओं का विभाजन होता है. ऐसे में, एक पार्टी के लिए सभी वर्गों के वोट प्राप्त करना कई बार चुनौतीपूर्ण हो सकता है. गठबंधन में, पार्टियां अलग-अलग वर्गों के वोटरों को साधने का प्रयास करती हैं. विधानसभा चुनावों में क्षेत्रीय पार्टियों की अहम भूमिका होती है, क्योंकि वे विशेष रूप से अपने राज्यों या क्षेत्रों में मजबूत आधार रखती हैं. वहीं, राष्ट्रीय पार्टियों के लिए क्षेत्रीय पार्टियों से गठबंधन करना इसलिए भी जरूरी होता है ताकि वे उन क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन कर सकें जहां उनकी सीधी पकड़ कमजोर होती है.कई बार ऐसा होता है कि कोई भी पार्टी बहुमत हासिल नहीं कर पाती है, ऐसे में गठबंधन सरकार बनाने की संभावना बढ़ जाती है.