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विशाखापट्टनम में बनेगा भारत का पहला Sea-Pool

स्व‍िमिंग पूल में तैरना पसंद है तो जल्द ही यह व्यवस्था समंदर किनारे भी मिलेगी. दरअसल भारत में अब सी-पूल का काॅन्सेप्ट आ रहा है और इसकी शुरुआत विशाखापट्टनम से होगी.

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Sea Pool यानी समंदर किनारे बनेगा स्व‍िमिंग पूल
Sea Pool यानी समंदर किनारे बनेगा स्व‍िमिंग पूल

भारत में जब भी बीच ( Beach) की बात की जाती है तो सबके जबान पर गोवा, केरल, अंडमान का नाम आता है. इस कड़ी में विशाखापट्टनम बहुत पीछे छूट जाता है. हालांकि रुशिकोंदा बीच और रामकृष्णा बीच कुछ हद तक फेमस हैं लेकिन अभी भी बीच का आनंद उठाने के लिए लोग विशाखापट्टनम का रुख नहीं करते.

दुर्घटना है एक बड़ा मुद्दाः
कुछ हफ्ते पहले विशाखापट्टनम के आरके बीच में 5 लोगों की डूबने से मौत हो गई थी. आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 10 साल में 465 लोगों की मृत्यु डूबने से हो चुकी है. लोग डूबने के डर से भी समुद्र में नहीं जाते. इस समस्या से निजात पाने के लिए सरकार एक नए कॉन्सेप्ट के साथ आ रही है. इसका नाम है- 'सी पूल'.

क्या है सी-पूलः
Sea-Pool यानी समुद्र के किनारे पर बनाया गया स्वि‍मिंग पूल. डूबने से बचने के लिए समुद्र में स्वि‍मिंग-पूल बनाया जाता है, जिसमें आप बिना किसी डर के तैराकी का मजा ले सकते हैं. इसमें समुद्र के बीचों-बीच या किनारे पर चारों तरफ से घेर कर पूल बना दिया जाता है. सबसे पहला सी-पूल इंग्लैंड के समरलीज बीच पर 1930 में बनाया गया था. यह पूल मई से सितम्बर तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है.

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विशाखापट्टनम में कहां-कहां बनेगा सी-पूलः
विशाखापट्टनम में सी-पूल पायलट बेसिस पर बनाया जाएगा. सबसे पहले रुशिकोंदा, सागरनगर, लॉसन्स बे और मंगामरीपेटा पर यह पूल बनाने की बात चल रही है क्योंकि स्वि‍मिंग के लिहाज से इनको सुरक्षित माना जाता है. चिली के सन अल्फांसो डेल मार बीच, सिडनी के बोंडी बीच और यूएस और साउथ-अफ्रीका के अन्य पूलों के तर्ज पर विशाखापत्तनम में सी-पूल बनाने की तैयारी चल रही है. यूएस और साउथ-अफ्रीका में सी-पूल पानी का तापमान नियंत्रित करने और शार्क-अटैक से बचने के लिए भी बनाया जाता है.
अधिकारियों को चेन्नई के मरीना बीच मॉडल का अध्ययन करने के लिए भी कहा गया है. अगर यह प्रोजेक्ट सफल हो गया तो 23 किमी बीच कॉरीडोर पर सी-पूल बनाने की तैयारी शुरू हो जाएगी. ये पूल सिर्फ सुरक्षा ही नहीं बढ़ाएंगे बल्कि लोगों के मनोरंजन में इजाफा भी करेंगे. टूरिज्म विभाग इस प्रोजेक्ट को फंड करेगा.

सुरक्षा होगी कड़ीः
पुलिस डिपार्टमेंट को सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है. साथ ही वहां 10 वॉच-टॉवर्स भी लगाए जाएंगे, जिससे सभी लोगों पर नजर रखी जा सके. ऑल ट्रेन व्हीकल, लाइफ गार्ड्स, इन्फ्लेटेबल बोट्स की भी पूरी व्यवस्था वहां रखी जाएगी.
अगर यह प्लान सफल हो गया तो कोस्ट-लवर्स का पहला डेस्टिनेशन विशाखापट्टनम ही होगा और इससे विशाखापट्टनम के टूरिज्म को बहुत फायदा भी पहुंचेगा.

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