राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कहना है कि दुनिया के शीर्ष 200 यूनिवर्सिटीज में भारत की एक भी यूनिवर्सिटी का न होना अखरता है. बेहतर साधन और सुविधाओं के बावजूद यह स्थिति है.
पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के 20वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा कि 1500 साल पहले यह हालत नहीं थी तब तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालय हुआ करते थे. उन्होंने कहा कि हमें उस दौर को हासिल करना है. इसके लिए उन्होंने आधारभूत ढांचे में बदलाव की जरूरत बताई.
राष्ट्रपति छत्तीसगढ़ की प्रमुख समस्या नक्सलवाद पर कुछ नहीं बोले. उन्होंने छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि इन संसाधनों का भरपूर इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
इससे पहले यहां पहुंचने पर प्रदेश के राज्यपाल बलराम जी दास टंडन और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह समेत कई मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों और प्रबुद्ध नागरिकों समेत वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.
समारोह में 57 छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए. इनमें से 15 छात्रों को राष्ट्रपति के हाथों स्वर्ण पदक दिए गए. बाकी को राज्यपाल, मुख्यमंत्री व दूसरे मेहमानों ने स्वर्ण पदक दिए. साथ ही 157 विद्यार्थियों को कुलपति डॉ. एसके पांडेय ने पीएचडी उपाधि से सम्मानित किया.
उल्लेखनीय है कि इस साल 184 छात्रों को पीएचडी दी जानी थी लेकिन इनमें से 157 विद्यार्थी ही दीक्षांत समारोह में पीएचडी लेने पहुंचे. इसी तरह कुल 77 छात्रों को स्वर्ण पदक दिया जाना था लेकिन 57 छात्र ही पहुंचे.