मध्यप्रदेश की अंजू गुर्जर उन लोगों के लिए रोल मॉडल है, जो सामाजिक बंधनों की वजह से अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाते हैं. अंजू ने शादी का ऑफर ठुकराकर अपने मन का काम किया और वो सफलता के शिखर पर भी पहुंचीं. बता दें कि अंजू कई मुश्किलों को पार करते हुए एक एथलीट बनीं और उन्होंने कई पुरस्कार भी जीते हैं.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2018 में रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी ने भी अंजू की सफलता की कहानी के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि किस तरह से अंजू ने दिक्कतों का सामना किया और रिलायंस फाउंडेशन की ओर से आयोजित एक प्रतियोगिता में पदक जीता. साथ ही उन्होंने बताया कि जब अंजू 15 साल की थी तो शादी का ऑफर आया था, लेकिन अंजू के कई सपने थे और उसने ये ऑफर ठुकरा दिया.
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उसके बाद अंजू को स्टेट चैंपियनशिप के लिए ऑफर मिला, लेकिन उसके लिए परिवार ने अंजू का साथ नहीं दिया. हालांकि बाद में अंजू की दादी ने परिवार के अन्य सदस्यों को समझाने का काम किया और बाद में अंजू ने पूरे गांव का नाम रोशन किया. दरअसल जिस जगह से अंजू आती है, वहां कोई लड़की घर से बाहर नहीं निकलती थी, किसी ने ट्रेन में अकेले सफर भी नहीं किया था.
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हालांकि अब अंजू सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा बन चुकी है और अब वो पूरे गांव को खेल के बारे में जानकारी देती है और ट्रेनिंग भी देती है. अंजू का कहना है कि पहले उसने 400 मीटर रेस में भाग लिया, जहां वो पहले स्थान पर आने में सफल हुई. वहीं उनकी दादी का कहना है कि अब दूसरे बच्चे भी अंजू को देखकर सपने देखते हैं और लोग दूसरी दुनिया की ओर कदम बढ़ा रहे हैं.