एक दौर था जब गांव के लोगों को उलाहना दी जाती थी और उन्हें पिछड़ा, गंवार और सुस्त कहा जाता था. मिलिए उन असली सितारों से जिन्होंने गांव से निकलकर समाज को एक नई दिशा दी.
1.के. निकोलसन सिंह
जगह: वॉन्गकेई कोइजम लेईकै, मणिपुर
उम्र: 31 साल
पेशा: बिजली मिस्त्री
निकोलसन ने एक ऐसा कनर्वटर तैयार किया है जो करंट नहीं मारता. निकोलसन ने 2009 में नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन के तहत ग्रासरूट इनोवेटर का पुरस्कार जीता.
2. सबा हाज़ी
जगह: ब्रेसवाना, जम्मू-कश्मीर
उम्र: 30 साल
पेशा और पद: टीचर और हाज़ी पब्लिक स्कूल की निदेशक
बंगलूरु से कंटेंट राइटर की नौकर छोड़कर वापस अपने गांव गईं और वहां जाकर 2009 में एक स्कूल खोला. दो कमरे से शुरू होने वाले हाज़ी पब्लिक स्कूल में आज 200 बच्चे पढ़ते हैं और इसकी दो ब्रांच भी हैं.
3. सोनिया सूर्यवंशी
उम्र: 27 साल
जगह: सरासर, उत्तरप्रदेश
पेशा: समाज सेवी
14 साल की उम्र में उन्होंने सड़क पर जिंदगी गुज़ारने वाले लोगों को मनाया कि वो अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए स्कूल भेजें. आज सोनिया गांव-गांव जाकर शिक्षा के लिए लोगों को जागरूक करती हैं. सोनिया का सपना है कि खेती में एक क्रांति आए और किसान भी खुशहाल जिंदगी जिएं.
4. हिमांशु पटेल
जगह: पुन्सरी, गुजरात
पद: गांव के सरपंच
2011 में हिमांशु ने सबसे अच्छे सरपंच का राजीव गांधी भारत रत्न पुरस्कार जीता. हिमांशु ने साफ सफाई के लिए कूड़ा प्रबंधन और पानी का प्लांट भी लगाया. गांव में रोशनी मिले इसके लिए उन्होंने सड़कों पर सोलर लाइट भी लगवाई.
5. नवल किशोर गोदरा
उम्र: 39
पेशा: व्यवसायी और समाजसेवी
स्कूल में ही पढ़ाई छोड़ देने वाले नवल किशोर ने एक नमक फैक्ट्री में मज़दूर के तौर पर काम शुरू किया. इसके बाद उन्होंने कांगों में जाकर अपना व्यवसाय शुरू किया. भारत लौटने के बाद उन्होंने अपने गांव में एक स्कूल बनाया. जहां आज 1800 बच्चे पढ़ते हैं, जिसमें 25 फीसदी बिना फीस के पढ़ते हैं.
6. गौरामंगी सिंह
जगह: अवांग सेकमई, मणिपुर
पेशा: फुटबॉलर
प्रयाग यूनाइटिड की तरफ से खेलने वाले गौरामंगी सालाना अपने क्लब की ओर से 1.05 करोड़ कमाते हैं तो वहीं ऑल इंडिया फेडरेशन उन्हें 65 लाख रुपए सालाना देता है. गौरा दूसरे सबसे ज़्यादा कमाई करने वाले फुटबॉल खिलाड़ी हैं.
7. हनुमंत राव गायकवाड़
उम्र: 39 साल
पेशा: व्यवसायी
हनुमंत 1 हज़ार करोड़ वाले भारत विकास ग्रुप के सीएमडी है. पुणे रेलवे स्टेशन पर फल बेचकर खर्चा चलाने वाले गायकवाड़ परिवार ने हनुमंत को पढ़ाने के लिए कर्ज़ा लिया था.
8. जयश्री खरपड़े
उम्र: 17 साल
पेशा: फिल्म निर्माता
जयश्री की फिल्म 'फायर इन ऑवर हर्ट' ने न्यूयोर्क में हुए एशियन अमेरिकन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में पहला पुरस्कार जीता. ईंट के भट्ठे पर काम करने के लिए जयश्री को स्कूल से निकाल दिया गया था. आज वो दोबारा स्कूल जाती है और इंजीनियर बनना उसका ख़्वाब है.
9. विजय भास्कर रेड्डी दिन्नेपु
उम्र: 36 साल
पेशा: सीईओ, विनफिनेट टेक्नोलॉजी
जगह: पल्ली, कर्नाटक
खेती के लिए कम कीमत में प्रभावी समाधान बनाने वाले विजय भास्कर को सैमसंग की ओर से 2011 में इनोवेशन पुरस्कार दिया गया. गरीब परिवार में जन्मे विजय भास्कर ने 12 साल की उम्र तक कभी बिजली ही नहीं देखी थी.
10. नवाज़ुद्दीन सिद्दिकी

उम्र: 38 साल
पेशा: अभिनेता
जगह: बुढ़ाना, उत्तरप्रदेश
शानदार अदाकारी में माहिर नवाज़ ने लंबे दौर तक संघर्ष किया. उनके गांव में बिजली नहीं थी लेकिन डकैती और कत्ल आम बात थे. किसान परिवार से आने वाले नवाज़ ने बेहद गरीबी में अपने दिन काटे हैं.
(सौजन्य: NEWSFLICKS)