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गलती और अनजाने में हुए विज्ञान के 6 आविष्कार

कुछ गलतियों से काम बिगड़ते नहीं है बल्कि बड़े काम बन जाते हैं. साइंस में शोध और प्रयोग करते होने वाली गलतियां बड़े आविष्कार करने में मदद करती है. जानिए साइंस की कुछ ऐसी गलतियां जिन्होंने दुनिया में क्रांति ला दी.

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कुछ गलतियों से काम बिगड़ते नहीं है बल्कि बड़े काम बन जाते हैं. साइंस में शोध और प्रयोग करते होने वाली गलतियां बड़े आविष्कार करने में मदद करती है. जानिए साइंस की कुछ ऐसी गलतियां जिन्होंने दुनिया में क्रांति ला दी.

1. पोटैटो चिप्स: हम सब को पोटैटो चिप्स खाना कितना पसंद है लेकिन क्या आपको पता है कि यह आविष्कार गुस्से में किया गया था. यह आविष्कार जॉज क्रम के द्वारा किीया गया था. दरअसल, ये रेस्टोरेंट में शेफ थे. एक दिन एक कस्टमर बार-बार जॉर्ज क्रम का बनाया हुआ फ्राइ पोटैटो यह कहकर वापस कर दे रहा था कि यह ड्राय और क्रंची नहीं हैं. इससे तंग आकर जॉर्ज ने आलू को बिल्कुल पतले आकार में काटकर गर्म ग्रीस में फ्राय किया और फिर नमक डालकर सर्व किया. उस कस्टमर को यह डिश पसंद आई उसके बाद फिर क्या था इस डिश का मजा पूरी दुनिया लेने लगी.

2. वल्केनाइज्ड रबर: प्राकृतिक रबर को अधिक मजबूत और टिकाऊ बनाने के लिए सालों कोशिशें होती रहीं, मगर सफलता नहीं मिली. 1839 में वैज्ञानिक चार्ल्स गुड्यर के हाथों से प्रयोग करते हुए रबर गर्म स्टोव पर गिर गया. जिसके बाद जला हुआ लेदर जैसा पदार्थ सामने आया जो काफी मजबूत और टिकाऊ था. आगे चलकर इसका इस्तेमाल वल्केनाइज्ड रबर के रूप में किया जाने लगा.

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3. कोका कोला: आपको कोका कोला से प्यार जरूर होगा, मगर क्या आपको पता है कोका कोला का आविष्कार गलती से हुआ है? जी हां जॉन पेम्बर्टन स्टाइथ नाम के फार्मासिस्ट ने इसे गलती से बना दिया था. दरअसल, वे सिर दर्द का इलाज करने के लिए कोला नट और कोला की पत्तियों को मिलाकर प्रयोग कर रहे थे. उनके लैब असिस्टेंट ने संयोगवश दोनों को कार्बोनेटेड वॉटर से मिला दिया, तो एक पेय पदार्थ बन गया और कोका कोला नाम से मार्केट में आया. शुरुआती दिनों में यह सिर्फ दवा की दुकानों में ही मिलता था.

4. टेफ्लॉन: वैज्ञानिक रॉय प्लंकेट रेफ्रिजेरेंट के विकल्प की तलाश कर रहे थे. एक बार उन्होंने जैसे ही अपने सैंपल का बॉक्स खोला, उन्होंने पाया कि प्रयोग में इस्तेमाल होने वाली गैस गायब हो गई है और इसके बदले में फिसलनदार रेजिन अवशेष के रूप में बची हुई है, जिसमें हीट और केमिकल्स के लिए काफी रोधक क्षमता थी. बाद में इस खोज का इस्तेमाल पेंट्स, नॉन स्टिक कुकवेयर और स्पोर्ट्स इक्विपमेंट के रूप में होने लगा.

5. माइक्रोवेव ओवन: 1945 में पर्सी स्पेनसर रेथियॉन कॉरपोरेशन में रिसर्च कर रहे थे. रिसर्च करते समय वे मैग्नेट्रॉन नामक एक नई वैक्यूम ट्यूब के साथ प्रयोग कर रहे थे. तभी अचानक उनकी जेब में रखी कैंडी बार पिघलने लगी. यह देखकर उन्हें आश्चर्य हुआ. इसके बाद उन्होंने इसकी सच्चाई जानने के लिए पॉपकॉर्न लिया और जब पॉपकॉर्न भी फूटने लगा तो उन्होंने उस पूरी प्रक्रिया को नोटिस किया और 1947 में पहला माइक्रोवेव ओवन बनाया.

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6. फायरवर्क (आतिशबाजी): आतिशबाजी एक चाइनीज कुक के दिमाग की उपज थी. एक कुक अपने किचन में कुछ एक्सपेरिमेंट कर रहा था. उसने चारकोल, सल्फर और सॉल्टपेटर (पोटैशियम नाइट्रेट) को एक साथ मिलाया और बांस की नली में डाल दिया. बांस की नली में मिक्स्चर को डालते ही एक विस्फोट हुआ और वहीं से शुरू हुई आतिशबाजी.

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