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दयाल सिंह कॉलेज का नाम बदलने पर भड़की SGPC, सड़क पर उतरेगी

दिल्ली यूनिवर्सिटी के दयाल सिंह कॉलेज का नाम बदलने को लेकर कई संगठन इसका विरोध कर रहे हैं. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से भी नाम बदलने का जोरदार विरोध किया गया है और कहा है कि इसका नाम बदलने के विरोध पर सडक़ों पर उतरने से गुरेज नहीं किया जाएगा.

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दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की बैठक
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की बैठक

दिल्ली यूनिवर्सिटी के दयाल सिंह कॉलेज का नाम बदलने को लेकर कई संगठन इसका विरोध कर रहे हैं. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से भी नाम बदलने का जोरदार विरोध किया गया है और कहा है कि इसका नाम बदलने के विरोध पर सडक़ों पर उतरने से गुरेज नहीं किया जाएगा. जनरल सचिव और बीजेपी अकाली विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा के नेतृत्व में बुलाई गई मीटिंग में पास किए मत के द्वारा दयाल सिंह कालेज के ट्रस्ट की गवर्निंग बाडी की निंदा की गई है. बता दें कि दयाल सिंह इवनिंग कॉलेज का नाम वंदे मातरम् कर दिया गया है.  

कमेटी का कहना है कि उसको कहा गया कि यह तजवीज तुरंत वापिस ली जाए नहीं तो दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी की तरफ से जोरदार रोष प्रदर्शन किया जाएगा और इस प्रक्रिया को रोकने के लिए जरुरी कदम उठाए जाएंगे. मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि दयाल सिंह एजुकेशन ट्रस्ट सोसायटी ने यह कॉलेज चलाने के लिए जमीन खुद खरीदी थी और सरकार से इसको कोई मदद नहीं मिली थी.

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उन्होंने कहा कि दयाल सिंह मजीठिया दूरदर्शी सोच के मालिक थे, जिन्होंने कई स्कूल और कॉलेज स्थापित करने के साथ-साथ ट्रिब्यून अखबार शुरू किया, पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना की और खुद के पैसों से कई अन्य संस्थाएं भी स्थापित की. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट की गवर्निंग बॉडी इस कॉलेज को चला रही है और इस की तरफ से कॉलेज का नाम वंदे मातरम् विद्यालय रख कर जमीन-जायदाद हड़पने की साजिश रची गई है.

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उन्होंने ये भी कहा कि इस बिल्डिंग और जायदाद में यह नहीं खुलने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि गवर्निग बॉडी ने न सिर्फ यह गैर कानूनी फैसला लिया, क्योंकि इस के पास नाम बदलने का कोई अधिकार नहीं है बल्कि इस की तरफ से कई ओर विवादग्रस्त फैसले लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि इस गवर्निंग बॉडी का गठन दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर की तरफ से किया जाता है और इस तजवीज ने इसके सदस्यों की चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं.

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