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बाबा रामदेव की गुजारिश, मंत्रालय वैदिक एजुकेशन बोर्ड खोले

बाबा रामदेव और उनके निकटस्थ सहयोगी बालकृष्ण ने वैदिक बोर्ड की गठन की बातें मानव संसाधन मंत्रालय से कहीं, मंत्री ने खबर को नकारा.

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वर्तमान भाजपा सरकार में मजबूती से उभरे बाबा रामदेव नें मानव संसाधन मंत्रालय से गुजारिश की है कि सरकार वैदिक एजुकेशन बोर्ड खेलने का प्रयास करे. ऐसा करने से आरएसएस और आर्य समाज द्वारा संचालित संस्थानों को फायदा मिल सके. यह संस्थान सीबीएसई द्वारा मान्यताप्राप्त नहीं हैं.

देश में पारंपरिक शिक्षा पर जोर देते हुए बाबा रामदेव ने एक बार फिर मंत्रालय से गुजारिश की है कि वे इस दिशा में आगे बढ़ें. हालांकि, पूर्व मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ऐसे प्रस्ताव को पहले ठुकरा चुकी हैं. उन्होंने इसके बजाय वैदिक शिक्षा के लिए "वेद विद्या" के स्थापना की बात कही थी. यह सीबीएसई द्वारा संचालित की जाती है.
रामदेव के नजदीकी सहयोगी बालकृष्ण भी इसके लिए तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री से मिले हैं. उन्होंने रामदेव की बात आगे बढ़ाई है.
इस मामले पर अंग्रेजी अखबार के हवाले से प्रकाश जावड़ेकर कहते हैं कि उनसे सभी लोग मिलने आते हैं. वे आगे कहते हैं कि उन्होंने दवा के लिए बालकृष्ण को बुलाया था.

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आखिर क्या है वैदिक बोर्ड?

  • बाबा रामदेव के नजदीकी बालकृष्ण कहते हैं कि वे मानव संसाधन मंत्री से वैदिक एजुकेशन बोर्ड की स्थापना के बाबत मिले थे.
  • इस मामले पर विधि एवं न्याय राज्य मंत्री कहते हैं कि ऐसी कोई बात नहीं है. यह एक अनौपचारिक बैठक थी.
  • इस प्रपोजल पर स्कूली शिक्षा सचिव एस सी खूंटिया भी प्रधानमंत्री से मिले थे. वे कहते हैं कि आगे प्रपोजल बढ़ाया जा चुका है.
  • इसे लेकर भारतीय यूनिवर्सिटी समूह और सीबीएसई की मान्यता की दरकार होगी, ताकि यहां से पढ़े छात्र किसी भी तरह की दिक्कत से न गुजरें.

इस प्रपोजल के मान लिए जाने के बाद आर्य समाज और आरएसएस से मान्यताप्राप्त स्कूल और संस्थान सीधे लाभान्वित होंगे.

 

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