बिहार की प्रसिद्ध राजेंद्र एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी-पूसा को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलने जा रहा है. केंद्र सरकार और भारत सरकार 25 जनवरी को एक MOU (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) पर हस्ताक्षर करेगी, जिसके तहत राज्य सरकार की इस यूनिवर्सिटी को केंद्रीय यूनिवर्सिटी का दर्जा मिल सकेगा.
इस बदलाव के कारण यूनिवर्सिटी को बड़ी मात्रा में आर्थिक सहायता मिलेगी. करीब 400 करोड़ की राशि 12वें प्लान के तहत मार्च 2017 तक इस यूनिवर्सिटी को प्रदान की जाएगी.
दरअसल, 2009 से ही इस यूनिवर्सिटी को केंद्रीय यूनिवर्सिटी बनाए जाने के लिए विचार किया जा रहा था. योजना आयोग ने इस विषय पर अपनी सहमती दे दी थी लेकिन विश्वविद्यालय के कई कर्मचारी अदालतों में चले गए और मामला अदालत में फस गया. अब अदालतों से जुड़े मामले को केंद्र सरकार देखेगी.
एग्रीकल्चर एजुकेशन एंड रिसर्च डिपार्टमेंट बिहार सरकार और इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च विभागों की ओर से MOU पर हस्ताक्षर किया जाएगा. हस्ताक्षर करते वक्त बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी उपस्थित रहेंगे. यूनियन एग्रीकल्चर मिनिस्टर राधा मोहन सिंह ने गुरूवार को बिहार के मुख्यमंत्री को एक चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने इस फैसले के लिए उनकी प्रशंसा की है.