प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी स्टूडंट्स के लिए एप्टीट्यूड टेस्ट कराने की वकालत की है. यही नहीं उन्होंने ‘डिजिटल इंडिया’ पहल और सर्व शिक्षा अभियान से जुड़े कार्यक्रमों के बीच भी ज्यादा तालमेल बैठाने की भी हिमायत की है.
उन्होंने उच्च स्तरीय बैठक में सर्व शिक्षा अभियान की प्रगति की समीक्षा करने के दौरान कहा कि देश में हर स्कूल को अपने खुद के लक्ष्य की योजना बनानी चाहिए, जिसे उसे 2022 तक हासिल करना है. आपको बता दें कि 2022 भारत की स्वतंत्रता का 75 वां साल है.
बैठक में प्रधानमंत्री ने संबद्ध अधिकारियों से शहरी इलाके में स्कूल के एक वर्ग और ग्रामीण क्षेत्र में स्कूल के एक वर्ग के बीच तालमेल बनाने की संभावना तलाशने को कहा है.
सर्वश्रेष्ठ शिक्षण कार्य की पहचान किए जाने और इसके लिए एक व्यापक विस्तार के लिए इसका एक भंडार बनाए जाने की हिमायत करते हुए मोदी ने कहा कि सभी स्कूली शिक्षकों के लिए बेसिक डेटा जैसे कि आधार नंबर, ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर डेटाबेस में रखे जाने चाहिए.
उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि स्वच्छ भारत अभियान के लिए विभिन्न स्कूलों के बीच स्वच्छ विद्यालय प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाना चाहिए.
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और उनके मंत्रालय, नीति आयोग और पीएमओ के वरिष्ठ अधिकारी इस मौके पर उपस्थित थे.
- इनपुट भाषा