जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में शांति बहाली को लेकर सरकार भी चिंतित नजर आने लगी है. कैंपस में शांति बहाली के उद्देश्य से मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है. यूजीसी के पूर्व चेयरमैन वीएस चौहान की अध्यक्षता में गठित की यह कमेटी विद्यार्थियों और प्रशासन से बात करके कोई हल निकालेगी.
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एमएचआरडी, एजुकेशन सेक्रेटरी आर सुब्रमणियम ने ट्वीट करके कहा कि जेएनयू में स्टूडेंट्स और प्रशासन के बीच बातचीत करके शांतिपूर्ण हल निकालने के लिए ये हाईपावर कमेटी गठित की गई है.
#JNU MHRD appointed a high power committee for discussion with students and administration for peaceful resolution of all issues. pic.twitter.com/E29zLekCkP
— R. Subrahmanyam (@subrahyd) November 18, 2019
बता दें कि JNU में फीसवृद्धि और नये हॉस्टल नियमों का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. आज यानी 18 नवंबर को जेएनयू छात्रसंघ ने संसद तक मार्च निकालने की तैयारी में हैं. वहीं कैंपस के बाहर धारा 144 लागू कर दी गई है जिससे कि छात्रों को वहां से एकसाथ निकलने से ही रोक दिया जाए. इससे पहले दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा था कि जेएनयू छात्रों को पार्लियामेंट तक नही जाने दिया जाएगा. पार्लियामेंट के आसपास धारा144 लगी हुई है. आइए जानें- जेएनयू में क्यों मचा है इतना हंगामा. जेएनयू की लाइव अपडेट यहां पढ़ें.
जेएनयू परिसर से छात्र लांग मार्च टू पार्लियामेंट निकालने की तैयारी कर रहे हैं. टू सेव पब्लिक एजुकेशन का नारा लेकर छात्र कैंपस से मार्च निकालने जा रहे हैं. वहीं पुलिस प्रशासन ने पूरे कैंपस को छावनी में बदल दिया है. सूत्रों का कहना है कि जेएनयू छात्रों को जेएनयू के आसपास ही एक किलोमीटर के दायरे में रोकने की प्लानिंग बनाई गई थी. हालांकि अब उन्हें कैंपस के बाहर ही रोकने की तैयारी पुख्ता कर दी गई है.
बता दें कि जेएनयू छात्र बढ़ी हॉस्टल फीस के विरोध में जेएनयू से संसद तक मार्च निकालना चाहते थे. सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस ने 9 कंपनी फ़ोर्स लगाई जिसमें पैरा मिलिट्री फ़ोर्स शामिल है. इसके लिए करीब 1200 पुलिसकर्मी तैनात किए गए है जिनमे दिल्ली पुलिस भी शामिल है. सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किये गए हैं.