जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि विश्वविद्यालय के सैटेलाइट परिसर खोलने पर 'अब भी' विचार हो रहा है. इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बताया था कि सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है. दरअसल केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने 31 दिसंबर को लोकसभा में कहा था, 'जेएनयू, आईआईटी या आईआईएम के सैटेलाइट परिसर या शाखा खोलने की कोई योजना नहीं है.'
उन्होंने कहा था, नीति के मुताबिक, सरकार ऐसे शिक्षण संस्थानों को सैटेलाइट परिसर खोलने के लिए प्रोत्साहित नहीं करती है.' जेएनएयू में रेक्टर-1 चिंतामणि महापात्रा ने कहा कि विश्वविद्यालय ने इस बारे में मानव संसाधन विकास मंत्रालय को कोई पत्र नहीं लिखा है.
'21 देशों में सबसे खराब है JNU की अटेंडेंस पॉलिसी'
उन्होंने कहा, 'हमने सैटेलाइट परिसर खोलने के बारे में मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र नहीं लिखा है. अगर विश्वविद्यालय को लगता है कि सैटेलाइट परिसर की जरूरत है तो हमें सरकार से पैसे की जरूरत नहीं है. अगर हम अलग अलग तरीकों से पैसा जुटाएं तो यह खुद कर सकते हैं.'
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वहीं दूसरी ओर जेएनयू में शिक्षक, छात्र उपस्थिति का मामला भी चर्चा में हैं. इसमें शिक्षक प्रशासन की ओर से लागू की गई अटेंडेंस प्रक्रिया के खिलाफ है और उन्होंने एक सर्वे के आधार पर बताया है कि दुनियाभर के 21 देशों की 75 यूनिवर्सिटीज में से जेएनयू (JNU) की अटेंडेंस पॉलिसी सबसे खराब है. हालांकि इस सर्वे के खिलाफ भी कई लोग विरोध कर रहे हैं.