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भारतीय मूल के अमेरिकी बच्चों ने जीती स्पेलिंग बी प्रतियोगिता

भारतीय मूल के अमेरिकी बच्चों ने ‘स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग बी’ प्रतियोगिता को इस बार भी जीत लिया है.

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Scripps National Spelling Bee contest
Scripps National Spelling Bee contest

भारतीय मूल के अमेरिकी बच्चों ने ‘स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग बी’ प्रतियोगिता को इस बार भी जीत लिया है. आपको बता दें कि ये आठवां मौका है जब भारतीय मूल के अमेरिकी बच्चों ने यह प्रतियोगिता जीती है.

पिछले 16 सालों में यह भारतीय-अमेरिकियों को मिली 13वीं जीत है. वन्या शिवशंकर और गोकुल वेंकटेचलम को सह-विजेता घोषित किया गया है. यह लगातार दूसरी बार है, जब भारतीय-अमेरिकियों ने ऐसी साझा जीत हासिल की है. आपको बता दें कि स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग बी प्रतियोगिता के 49 सेमीफाइनलिस्ट में 25 भारतीय-अमेरिकी बच्चे शामिल थे.

साल 2014 में श्रीराम हथवार और अंसुन सुजॉय को साझा विजेता घोषित किया गया था. ओकलाहोमा के भारतीय अमेरिकी कोल शेफर-रे को तीसरा स्थान मिला.

वन्या ने यह पुरस्कार अपनी दिवंगत दादी को समर्पित करते हुए कहा, 'ऐसा लगता है मानो एक सपना सच हो गया हो. मैं लंबे समय से इसे चाहती थी.' स्पेलिंग बी में पांचवीं और आखिरी बार भाग लेने वाली 13 वर्षीय वन्या कंसास से हैं और आठवीं की स्टूडेंट हैं.

इस साल अंतिम चरण के 49 प्रतिभागियों में से 25 भारतीय मूल के अमेरिकी थे. अंतिम 10 प्रतिभागियों में सात भारतीय-अमेरिकी थे.

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वन्या की बड़ी बहन काव्या ने साल 2009 में यह प्रतियोगिता जीती थी. वन्या इससे पहले साल 2010, 2012 (10वां स्थान), 2013 (पांचवां स्थान) और 2014 (13वां स्थान) में स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग बी प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकी हैं.

गोकुल इससे पहले साल 2012 (10वां स्थान) और 2013 (19वां स्थान) में इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुके हैं.

सेंट लुइस मिसोरी में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले 14 साल के गोकुल ने कहा कि वह इस प्रतियोगिता के लिए पिछले सालों से कड़ी मेहनत कर रहा है.

उसका और स्पेलिंग का रिश्ता ठीक वैसा ही है, जैसा उसके आदर्श लीब्रोन जेम्स का बास्केटबॉल से है.
-इनपुट भाषा

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