आईआईटी मद्रास ने रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना का आरोप झेल रहे छात्रों के एक संघ 'अंबेडकर पेरियार स्टडी सर्किल' से बैन हटा लिया है. इस ग्रुप की मान्यता खत्म किए जाने को लेकर काफी विवाद हुआ था.
संस्थान की ओर से एक प्रोफेसर को इसका फैकल्टी सलाहकार भी नियुक्त किया और इसके साथ ही एक हफ्ते से ज्यादा समय से चल रहा गतिरोध समाप्त हो गया. छात्रों के डीन और अंबेडकर पेरियार स्टडी सर्किल (एपीएससी) के प्रतिनिधियों के बीच रविवार को हुई बैठक के बाद एपीएससी की मान्यता बहाल कर दी गई और प्रोफेसर मिलिंद ब्रह्मे को सलाहकार नियुक्त किया गया.
आईआईटी मद्रास द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि छात्रों के डीन ने एपीएससी की एक स्वतंत्र छात्र निकाय के रूप में मान्यता को बहाल कर दिया और एपीएससी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद प्रोफेसर मिलिंद ब्रह्मे को फैकल्टी सलाहकार के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की.
इसमें कहा गया है कि प्रोफेसर ब्रह्मे एपीएससी को स्वतंत्र छात्र निकाय के लिए दिशानिर्देशों के अनुसार जरूरी सलाह देने के लिए सहमत हो गए हैं. आईआईटी मद्रास उस समय विवाद के घेरे में आ गया था जब उसने एपीएससी की मान्यता समाप्त कर दी थी. उसे शिकायत मिली थी कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचक है. इस निकाय के सदस्य दलित हैं. संस्थान की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, एपीएससी और डीन ने संतोष जताया है कि मामला समाप्त हो गया है.
इनपुट भाषा