गुजरात सरकार भले ही 'कन्या केलवाणी योजना' और लड़कियों को अच्छी शिक्षा देने की बात पर जोर दे लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक, लड़कियों की शिक्षा के मामले में गुजरात अन्य राज्यों से पीछे है.
21 बड़े राज्यों में से 20वें स्थान
Sample Registration System-Baseline Survey 2014 के मुताबिक, गुजरात की 73.4 फीसदी लड़कियां ही स्कूलों में पढ़ती है और गुजरात 21 बड़े राज्यों में से 20वें स्थान पर है. गुजरात सिर्फ राजस्थान से ऊपर है, जहां 72.1 फीसदी लड़कियां स्कूल जाती हैं. सर्वे के मुताबिक, 15-17 साल के बीच की 26.6 फीसदी लड़कियां या तो स्कूल छोड़ चुकी हैं या कभी स्कूल गई ही नहीं है. इसका मतलब है कि राज्य की 26.6 फीसदी लड़कियां क्लास IX या X तक नहीं पहुंची हैं.
जानें अन्य राज्यों का हाल
बिहार में 15-17 साल के बीच की 83.3 फीसदी लड़कियां स्कूल जाती हैं, असम में 84.8 फीसदी, झारखंड में 84.1 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 90.1 फीसदी, मध्य प्रदेश में 79.2 फीसदी, यूपी में 79.4 फीसदी और ओडिशा में 75.3 फीसदी लड़कियां स्कूल जाती हैं.
59 फीसदी ने 10वीं के बाद छोड़ी पढ़ाई
10-14 साल के बीच की लड़कियों की पढ़ाई की बात करें तो गुजरात की रैंक लास्ट पांच में आती है. डाटा बताते हैं कि 73.5 फीसदी लड़कियां इस राज्य में पढ़ी-लिखी हैं. लेकिन इनमें से लगभग 59 फीसदी लड़कियों नें 10वीं के बाद पढ़ाई नहीं की है और सिर्फ 14.8 फीसदी लड़कियों ने क्लास 12वीं की पढ़ाई पूरी की है. 14.8 फीसदी लड़कियां जो 10वीं के ऊपर पढ़ती हैं, उनमें से 7.3 फीसदी ही ग्रेजुएशन कर पाती हैं.