भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिनों के इजरायल के दौरे पर हैं. इसके साथ ही पीएम मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री बन गए हैं, जिन्होंने इजरायल का दौरा किया है. इससे पहले किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री ने इजरायल का दौरा नहीं किया.
भारत और इजरायल के इतिहास, धर्म, भूगोल, पड़ोसियों के साथ संबंध, रक्षा व आर्म्ड फोर्स, एग्रीकल्चर और यहां तक कि शिक्षा के क्षेत्र में भी बहुत समानताएं हैं.
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लेकिन इजरायल के एजुकेशन के क्षेत्र से संबंधित कई ऐसी बातें हैं, जो भारत से अलग हैं. इन्हें जानकर आपको हैरानी होगी.
1. सभी छात्रों के लिए Israel Defense Forces (IDF) से जुड़ना अनिवार्य होता है. 18 साल तक अपनी हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों को मिलिट्री लेना होता है. महिलाओं के 2 साल और पुरुषों के लिए 3 साल मिलिट्री में काम करना वहां अनिवार्य है.
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2. भारत की तरह इजरायल में अपने शिक्षकों को सर या मैम कहने का रिवाज नहीं है. वहां छात्र अपने टीचर्स को उनके फर्स्ट नेम से बुलाते हैं.
3. इजरायल में रविवार को सोमवार की तरह काम होता है. जिस तरह हमारे लिए सोमवार सप्ताह का पहला दिन होता है, उसी तरह उनके लिए सप्ताह की शुरुआत है. यहां हाई स्कूल शुक्रवार और शनिवार को बंद रहते हैं. एलिमेंट्री के लिए फ्राइडे को आधा दिन और शनिवार को बंद रहता है.
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4. इजरायल के सभी स्कूलों को परिवार व सरकार द्वारा फंड दिया जाता है. फ्री स्कूलों में सिर्फ गरीब बच्चे ही पढ़ते हैं.
5. यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या के मामले में इजरायल दूसरे स्थान पर है. पहले स्थान पर कनाडा है.
6. दूसरे देशों के मुकाबले इजरायल में सबसे ज्यादा डेमोक्रेटिक स्कूल मौजूद हैं. 4200 स्कूलों में 25 स्कूल डेमोक्रेटिक हैं.