73 साल की सविता दत्त का सपना है वह गरीब बच्चों के लिए स्कूल खोलें. जिसकी शुरुआत उन्होंने की घर के सामने बने पार्क से की.
बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उन्होंने भीख मांगने वाले स्लम बस्तियों में रहने वाले कुछ बच्चों को इकट्ठा किया और उन्हें पढ़ाना शुरू कर दिया. शुरुआत में लोग सरिता पर हंसते थे उनका मजाक बनाया जाता था. लेकिन उन्होंने बच्चों को पढ़ाने में किसी भी प्रकार की कमी नहीं की.
आज बच्चे यूनिफॉर्म में
जब उन्होंने बच्चों को पढ़ाने की शुरुआत की उस वक्त वह ज्यादा सुविधा बच्चों को नहीं दे पाती थी. लेकिन सरिता की ही मेहनत का नतीजा है कि जो आज 300 से ज्यादा बच्चे रोज यूनिफॉर्म में स्कूल जाते हैं.
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इकोफ्रेंडली स्कूल
भले ही सरिता का स्कूल ऊंची मीनारों वाला नहीं है लेकिन बच्चों को प्राकृतिक माहौल में शिक्षा दी जाए. इसलिए उनके स्कूल पार्क और फ्लाईओवर के नीचे है.
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अब चलते हैं तीन स्कूल
तीन जगह पर सविता दत्त का स्कूल चलता है. सेक्टर-21ए के पार्क के अलावा दूसरा स्कूल सेक्टर-21सी में फ्लाईओवर के नीचे है.यहां करीब 100 बच्चे पढ़ते आते हैं. सेक्टर-21डी में हुडा के निर्माण केंद्र में पेड़ों के नीचे तीसरा स्कूल चलता है. यहां करीब 200 बच्चे पढ़ते हैं.
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सरिता बताती हैं कि बारिश में दिक्कत तो होती है, लेकिन फिर स्कूल जल्दी बंद कर देते हैं. खास मौकों पर बच्चों को छुट्टियां भी दी जाती है. वह चाहती है कि देश में हर बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का हक है. और ये हक हर बच्चे को मिलना चाहिए.