दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में ओपेन बुक एग्जाम (OBE) के विरोध में तमाम छात्र उतर गए हैं. बता दें कि 10 जुलाई से डीयू में ऑनलाइन ओपन बुक एग्जाम शुरू होने थे. जिसके चलते शनिवार से यूनिवर्सिटी में मॉक टेस्ट शुरू किया गया था. मॉक टेस्ट के तीसरे दिन भी छात्रों को काफी तकनीकी दिक्कतें आईं.
छात्र जब टेस्ट के लिए बैठे तो कई बार पोर्टल क्रैश की समस्या का सामना करना पड़ा, वहीं कई छात्रों का पेपर पूरा हो गया तो कई छात्रों को दूसरे सब्जेक्ट का पेपर सामने आया लेकिन उसे अपलोड करने में परेशानी हुई. यही कारण था कि दिनभर छात्र-छात्राएं शिकायतों को लेकर टीचरों को मेल करते रहे.
छात्रों ने अपना विरोध दर्ज करते हुए डीयू के कॉलेजों की दीवारों पर भी "NO OBE" के स्लोगन लिख दिए. OBE का विरोध करने कुछ छात्र आज दिल्ली आर्ट फेकल्टी पर प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हुए जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया.दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के भविष्य से क्यों खिलवाड़ कर रही है केन्द्र सरकार?सांसद @SanjayAzadSln#DuAgainstOnlineExam#DUAgainstOnlineExams#DuagainstOBE#ScrapOnlineOBE
— Du student enquiry (@DuEnquiry) July 5, 2020
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ सचिव आशीष लांबा ने कहा कि सभी छात्र और प्रोफेसर OBE का विरोध कर रहे हैं. लॉकडाउन की वजह से जो छात्र अपने घरों पर है, उन्हें बहुत दिक्कत आ रही है. संसाधन न होने की वजह से छात्र परेशान हो रहे हैं. छात्र संगठन की मांग है कि पिछली परीक्षा में मिले अंको में 10 फीसदी मार्क्स जोड़कर उसे पास किया जाए.
छात्रों के साथ इस ऑनलाइन ओपन बुक एग्जाम का विरोध यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर भी कर रहे है. श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC) के प्रोफेसर संजय बहीदार ने कहा कि ये ऑनलाइन एग्जाम छात्रों से भेदभाव करने वाला है. UGC को इसमें संशोधन करना चाहिए और छात्रों को राहत दे. अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट के लास्ट सेमेस्टर के छात्रों को ऑनलाइन ओपन बुक एग्जाम देना है. प्रोफेसर मांग कर रहे हैं कि छात्रों में पिछले सेमेस्टर में मिले अंको का 50 फीसदी वेटेज और मौजूदा सेमेस्टर का असेसमेंट करके 50 फीसदी वेटेज जोड़कर प्रोमोट किया जाए.जब राजस्थान ने निर्णय लिया तो ओबीई को लेकर डीयू क्यूँ नही निर्णय ले सकता? संसद के सौ वर्ष पुराने कानून के तहत परीक्षा विश्वविद्यालय के अधिकार क्षेत्र में है। डीयू प्रशासन का रवैया तानाशाहीपूर्ण है। ओबीई तत्काल रद्द हो। https://t.co/Y9QGZXCubK
— Rajesh Jha (@jharajesh) July 5, 2020
इसके साथ ही एनएसयूआई के मौजूदा प्रेसिडेंट अक्षय लकरा और फॉर्मर प्रेसिडेंट अरुण हुड्डा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के खिलाफ यूनिवर्सिटी के तमाम स्टूडेंट का पर्सनल डेटा ऑनलाइन शेयर करने को लेकर दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. पूर्व प्रेसिडेंट अरुण हुडा ने बताया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले लाखों स्टूडेंट्स का डेटा अब खुलेआम ऑनलाइन देखा जा सकता है जो कि किसी भी स्टूडेंट की पर्सनल सुरक्षा को लेकर खतरा है.
जानकारी के मुताबिक रेगुलर और ओपन लर्निंग को मिलाकर करीब चार लाख छात्र इस ऑनलाइन ओपन बुक एग्जाम से प्रभावित होंगे. इस मुद्दे पर विश्वविद्यालय प्रशासन का पक्ष नहीं मिल पाया है. बता दें कि इस मामले में कल आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी HRD मिनिस्टर को चिट्ठी लिखकर ऑनलाइन परीक्षा रदद करने की मांग की है.