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टीचर्स 'ठीक' कपड़े पहनती हैं या 'भड़काऊ'? पंजाब में टीचर्स के परफॉर्मेंस रिपोर्ट में सवाल

 शिक्षा विभाग ने टीचर्स की परफॉर्मेंस को लेकर वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) का जो नया फॉर्मेट पेश किया है, उससे महिला टीचर्स में काफी नाराजगी है. इस फॉर्मेट में किसी टीचर की परफॉर्मेंस का आकलन करने के लिए उसके 'पहनावे' पर भी गौर किया जाएगा. मामले के तूल पकड़ने पर पंजाब की शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी ने फॉर्मेट से पहनावे का कॉलम हटाने के आदेश दिए हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

पंजाब के सरकारी स्कूलों में महिला टीचर्स के लिए ड्रेस कोड के विवादित आदेश को लेकर एक महीना पहले काफी आलोचना हुई थी. राज्य सरकार के शिक्षा विभाग को ड्रेस कोड के नोटिफिकेशन को वापस लेना पड़ा था. यहीं नहीं नोटिफिकेशन जारी करने वाले दो अफसरों को निलंबित भी कर दिया गया था. अभी वो विवाद ठीक से थमा भी नहीं था कि शिक्षा विभाग ने टीचर्स की परफॉर्मेंस को लेकर वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) का जो नया फॉर्मेट पेश किया है, उससे महिला टीचर्स में काफी नाराजगी है. इस फॉर्मेट में किसी टीचर की परफॉर्मेंस का आकलन करने के लिए उसके 'पहनावे' पर भी गौर किया जाएगा. मामले के तूल पकड़ने पर पंजाब की शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी ने फॉर्मेट से पहनावे का कॉलम हटाने के आदेश दिए हैं.

2016-17 की ACR में 'पहनावा' नाम से नया कॉलम जोड़ा गया है. इसके तहत स्कूल में 'उचित ढंग से पोशाक' पहन कर आने वाले टीचर्स को नंबर दिए जाएंगे. इसके तहत नोडल ऑफिसर या प्रिंसिपल से पूछा जाएगा कि संबंधित वर्ष के दौरान टीचर किस तरह के कपड़े पहनकर स्कूल आईं.

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ACR रिपोर्ट में टीचर्स के कपड़ों को लेकर दो कॉलम बनाए गए हैं. एक कॉलम में लिखा है- 'ठीक' और दूसरे कॉलम में लिखा है 'भड़काऊ'. हालांकि ये साफ नहीं किया गया है कि किस तरह के कपड़ों को 'भड़काऊ' या 'आपत्तिजनक' माना जाएगा. क्या सलवार सूट या साड़ी को 'ठीक' और जींस-टॉप या अन्य वेस्टर्न कपड़ों को 'भड़काऊ' माना जाएगा?

बताया जा रहा है कि टीचर के परफॉर्मेंस को आंकने के वक्त कुल 5 नंबरों में से 0.5 नंबर पहनावे के होंगे. इसके अलावा और कई पहलुओं पर भी टीचर के परफॉर्मेंस का आकलन होगा जैसे कि स्कूल का बोर्ड परीक्षाओं में कैसा परिणाम आया. ACR में साफ लिखा गया है कि परफॉर्मेंस आंकते वक्त टीचर्स के कपड़ों को भी आधार बनाया जाए और सादे कपड़े पहन कर आने पर ज्यादा मार्क्स दिए जाएं.

शिक्षा विभाग ने टीचर्स और अन्य नॉन टीचिंग स्टाफ की ACR रिपोर्ट तैयार करवाना शुरू कर दिया है. 31 अगस्त तक ये रिपोर्ट जिलों के नोडल ऑफिसर तैयार करके शिक्षा विभाग को सौंपनी होगी.

पहनावे के अलावा जिन मुद्दों पर टीचर्स के परफॉर्मेंस का आकलन होगा वे हैं-
1. टीचर की क्लास का रिजल्ट कितने प्रतिशत रहा.

2. वो विषय जो स्कूल टीचर पढ़ाती है उसमें कितने प्रतिशत छात्र पास हुए.

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3. क्या टीचर ने छात्रों को पढ़ाते हुए ब्लैकबोर्ड का इस्तेमाल किया या नहीं.

4. क्या बच्चों को पढ़ाते हुए टीचर कुर्सी पर बैठी रहती थी या क्लास में चारों ओर घूमकर छात्रों पर नजर रखते हुए उन्हें पढ़ाती थी.

5. क्या टीचर ने उन आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जोकि शिक्षा विभाग की तरफ से ट्रेनिंग के दौरान टीचर्स को बताई गई थी.

6. स्कूल के अन्य टीचर्स और प्रिंसिपल के साथ टीचर का व्यवहार किस तरह का रहा.

टीचर के परफॉर्मेंस को लेकर ये सब बातें तो वाजिब हैं लेकिन पहनावे के कॉलम को लेकर टीचर्स में सबसे ज्यादा नाराजगी है. सरकारी स्कूलों में टीचर्स ने नाम नहीं खोलने की शर्त पर कहा कि भले ही पंजाब के शिक्षा विभाग ने उन पर लागू किए गए ड्रेस कोर्ट के फैसले को वापस ले लिया हो लेकिन अप्रत्यक्ष तौर पर अब फॉर्मेट के माध्यम से ड्रेस कोड थोपा जा रहा है. इनका कहना है कि परफॉर्मेंस में कपड़ों को लेकर लिए जा रहे फीडबैक के बारे में जब पता लगा तो झटका लगा. आखिरकार सरकार कैसे एक महिला टीचर को बता सकती है कि वो किस तरह के कपड़े पहनकर स्कूल में आए? इन टीचर्स का कहना है कि उनकी परफॉर्मेंस का आकलन उनके रिजल्ट और विषय के ज्ञान पर होना चाहिए ना कि उनके कपड़ों पर.

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पहनावे से जुड़े फॉर्मेट पर आम आदमी पार्टी से विधायक बलजिंदर कौर और रूपिंदर रूबी ने निंदा की है. अकाली दल के नेताओं में पूर्व शिक्षा मंत्री दलजीत सिंह चीमा और परमिंदर सिंह ढींढसा ने भी कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है.

मामले के तूल पकड़ने पर पंजाब की शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी ने पूर्ववर्ती अकाली-बीजेपी सरकार पर पल्ला झाड़ने की कोशिश की. अरुणा चौधरी ने कहा कि जो परफॉर्मेंस ATR फॉर्म भेजे गए हैं वो 2012 के पुराने फॉर्म है और ये फार्म अकाली दल की सरकार के वक्त तैयार किए गए थे.

 

अरुणा चौधरी के मुताबिक उनकी सरकार की बिल्कुल भी मंशा नहीं हैं कि टीचर्स को बताया जाए कि उन्हें किस तरह के कपड़े पहनने चाहिए. अरुणा चौधरी ने कहा कि टीचर्स के परफॉर्मेंस का आकलन उनकी योग्यता के आधार पर ही होगा. अरुणा चौधरी ने बताया कि जैसे ही उन्हें जानकारी मिली उन्होंने इन पुराने फार्मों से पहनावे का कॉलम हटाने के आदेश दिए हैं.

बता दें कि जब ड्रेस कोड लागू करने का नोटिफिकेशन जारी हुआ था तब भी कांग्रेस सरकार की ओर से इसे अकाली-बीजेपी सरकार के वक्त का नोटिफिकेशन बता कर पल्ला झाड़ने की कोशिश की गई थी. ड्रेस कोड लागू करने के नोटिफिकेशन को पिछली अकाली-बीजेपी सरकार के वक्त का नोटिफिकेशन करार दिया था. इस बार भी पंजाब की शिक्षा मंत्री इस ATR परफॉर्मेंस फॉर्म को 2012 का पुराना फॉर्म बता रही हैं. लेकिन सवाल ये है कि पुराने फॉर्म को भेजने से पहले उनकी ठीक से जांच क्यों नहीं की गई? ये क्यों नहीं गौर किया गया कि इन्हें भेजने से टीचर्स की नाराजगी के चलते फिर बवाल हो सकता है.

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