कोविड-19 के संक्रमण के चलते पूरे देश में लॉकडाउन के हालात हैं. मार्च से स्कूल-कॉलेज बंद हैं. ऐसे में स्कूल छात्रों को थ्योरी के बजाय प्रैक्टिकल के जरिये सिखाने पर जोर दे रहे हैं.
टीचर्स इस न्यू नॉर्मल माहौल में बच्चों को ऑनलाइन जरिये से ही बेहतर शिक्षा दे सकें. इसके लिए शिक्षकों की ऐसी तकनीकों पर पकड़ होनी चाहिए जिसके माध्यम से वे छात्रों को बेहतर तरीकों से सिखा सकें. इसी को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) ने एक ऑनलाइन कोर्स शुरू किया है. यह कोर्स सीबीएसई के शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के हिस्से के तौर पर शुरू किया गया है.
सीबीएसई (CBSE) अपने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (COE) के माध्यम से ऑनलाइन टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू कर रहा है. सीबीएसई ने अपने पहले शुरू किए गए पायलट टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम की सफलता के बाद टीचर्स के लिए ये ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने का निर्णय लिया है. पायलट प्रोग्राम में सीबीएसई ने 500 से अधिक मुफ्त ऑनलाइन ट्रेनिंग सत्र आयोजित किए थे. इन सभी सत्र में 35 हजार से ज्यादा टीचर्स और प्रधानाचार्यों ने हिस्सा लिया था.
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इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के जरिये बोर्ड टीचर्स को बेहतर तरीके से पढ़ाने और अच्छे रिजल्ट लाने के तरीके बताएगा. इस ट्रेनिंग सत्र के जरिए टीचर्स एक अलग तरह की टीचिंग मेथोडोलॉजी को सीखेंगे. इसके अलावा माहौल के हिसाब से हो रहे नए डेवलपमेंट के लिए वो अपनी स्किल भी बेहतर कर सकेंगे. इस ऑनलाइन टीचिंग प्रोग्राम को पूरी तरह फ्री रखा गया है. जिसे सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों के टीचर आसानी से कर सकेंगे. ये ट्रेनिंग पूरी तरह ऑनलाइन होगी.
बता दें कि इस ट्रेनिंग में हर ऑनलाइन ट्रेनिंग सत्र 1 घंटे के लिए होगा. ये ट्रेनिंग प्रोग्राम सभी के लिए बिलकुल मुफ्त है और इसमें शामिल होने वाले सभी उम्मीदवारों को ई-सर्टिफिकेट दिया जाएगा. पांच सत्रों में भाग लेने को 1 दिन की ट्रेनिंग के बराबर माना जाएगा. सीबीएसई ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर मई महीने का शेड्यूल जारी किया है. इसके साथ ही इस ट्रेनिंग में शामिल होने की गाइडलाइन्स भी जारी की हैं.
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मानव संसाधन विकास मंत्री ने एक वेबिनार के दौरान इसकी जानकारी दी थी. इसके अनुसार सीबीएसई (CBSE) नए शैक्षणिक सत्र के लिए समय के नुकसान का आकलन करेगा और परीक्षा के प्रेशर को कम करने के लिए सिलेबस को कम करने के सुझाव देगा. बोर्ड की पाठ्यक्रम समिति ने पहले ही सिलेबस कम करने का काम शुरू कर दिया है. मानव संसाधन विकास मंत्री ने इस दौरान प्रतियोगी परीक्षाओं की तारीख की भी घोषणा की.