बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने प्रदेश के 390 गैर सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों के नियमितिकरण और विलय के लिए संघर्ष करने में मदद का आश्वासन दिया.
बिहार राज्य अराजकीय प्रारंभिक शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने गैर सरकारी प्रारंभिक विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षक और कर्मचारी की दशा-दिशा विषय पर आयोजित एक सेमिनार का आज उदघाटन करते हुए इन स्कूलों के शिक्षकों को उनके नियमितिकरण और सेवा समायोजन में मदद करने का आश्वासन दिया.
उन्होंने घोषणा की कि शिक्षा के अधिकार (RTI) के तहत 390 गैर सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों के 25 फीसदी आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आने वाले छात्रों की शिक्षा पर होने वाले खर्च को सरकार मुहैया करायेगी और इसके लिये वह नीति का निर्धारण करायेंगे. नियमानुसार ऐसे प्रत्येक छात्रों के लिए स्कूलों को हर साल 4500 रूपये दिया जाना है.
मांझी ने कहा कि इन स्कूलों को राज्य सरकार से वर्तमान में उक्त राशि नहीं मिलती है. वह अपने आस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं. आरटीई के तहत मिलने वाली राशि के जरिए वे कुछ पा सकेंगे.
उन्हें प्राथमिक शिक्षा विभाग के निदेशक मनीष कुमार ने एक नोट के जरिए उन्हें अवगत किया कि इन स्कूलों के शिक्षकों का मामला न्यायालय के विचाराधीन है. उन्होंने कहा कि वह उनकी समस्याओं को दूर करना चाहते हैं, मगर उनका मामला न्यायालय में विचाराधीन है. ऐसे में वे कोई नई घोषणा नहीं कर सकते.