दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने स्टूडेंट्स को बड़ा तोहफा देते हुए घोषणा करते हुए कहा था कि अब स्टूडेंट्स को सीबीएसई परीक्षा देने के लिए किसी भी तरह की फीस नहीं देनी होगी. बता दें, अभी तक स्टूडेंट्स को 1500 रुपये सीबीएसई बोर्ड की फीस देनी पड़ती थी. लेकिन अब अगले साल से ऐसा नहीं होगा.
इसी के साथ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ''हम NEET, JEE जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए छात्रों को नि: शुल्क कोचिंग प्रदान करने के लिए भी काम कर रहे हैं.
वहीं यूपीएससी की तरह रोजगार के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन करने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने इस साल कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में 90% और उससे अधिक अंक हासिल करने वाले सरकारी स्कूल के स्टूडे्ंटस को सम्मानित करने की योजना की घोषणा की है.
अब स्टूडेंट्स को मिलेगा हायर एजुकेशन लोन
दिल्ली सरकार ने कहा है जो स्टूडेंट्स दिल्ली के सरकारी स्कूल में पढ़ रहे हैं और आर्थिक रूप से कमजोर हैं और आगे की पढ़ाई के लिए बैंक से लोन नहीं ले सकते हैं क्योंकि बैंक गारंटी की मांग करता है. ऐसे में दिल्ली के सरकार अपने स्कूलों में पढ़ने वाले सभी प्रतिभाशाली स्टूडेंट्स की गारंटी लेने के लिए तैयार है.
इसलिए, हमने उन्हें हायर एजुकेशन के लिए के लिए 10 लाख तक का एजुकेशन लोने देने का फैसला किया है. सिसोदिया ने कहा, छात्रों के पास लोन को वापस करने के लिए 15 साल होंगे. आपको बता दें, साल 2015 में सरकार की ओर से इसी तरह की योजना की घोषणा की गई थी.
यही नहीं सिसोदिया ने स्टूडेंट्स को हायर एजुकेशन शिक्षा के लिए सरकारी स्कूल के स्टूडेंट्स के लिए मौजूदा स्कॉलरशिप के बारे में बताया. दिल्ली सरकार उन छात्रों को भी स्कॉलरशिप देती है जो दिल्ली स्थित किसी विश्वविद्यालय या कॉलेज में हायर एजुकेशन हासिल करना चाहते हैं.
इन स्टूडेंट्स को मिलेगी स्कॉलरशिप
- 1 लाख से कम वार्षिक आय वाले परिवारों से आने वाले स्टूडेंट् को 100% स्कॉलरशिप दी जा रही है. दिल्ली सरकार का स्कॉलरशिप देने का मकसद है कि कोई भी स्टूडेंट्स वित्तीय बाधाओं के कारण अपनी पढ़ाई बंद न करनी पड़े.
स्कूल के बाद की पढ़ाई के लिए दिल्ली सरकार ने स्कॉलर्शिप भी शुरू की है -
1 लाख से कम आय वाले परिवार के बच्चों के लिए 100% फ़ीस के बराबर
1 से 2.5 लाख आय वाले परिवार के बच्चों के लिए 50% फ़ीस के बराबर
2.5 से 6 लाख आय वाले परिवार के बच्चों के लिए 50% फ़ीस के बराबर pic.twitter.com/bDBi9K5ctA
— Manish Sisodia (@msisodia) June 22, 2019
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकारी स्कूल के टॉपर्स के साथ भी बातचीत की और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा- "जब मैं मुख्यमंत्री बना, तो मुझे हर दिन दिल्ली के बड़े प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए अनुरोध मिलते थे. आज मुझे मिलने वाले अधिकांश अनुरोध सरकारी स्कूलों में प्रवेश के लिए हैं. चार-पांच साल पहले, हमारे स्कूलों की हालत इतनी खराब थी कि ज्यादातर माता- पिता अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने को लेकर कतराते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा अब स्थिति बदल गई है. आज बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ने पर गर्व है.