दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में EWS कैटेगरी के छात्रों को नर्सरी में एडमिशन आसानी से मिल जाएगा. दरअसल सरकार की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के सभी प्राइवेट स्कूलों में इन कैटेगरी के छात्रों के सीटें बनाई जा रही हैं.
दिल्ली कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (DCPCR) की रिपोर्ट के अनुसार, 2018-19 शैक्षणिक सत्र में प्राइवेट स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के बच्चों के लिए 13,000 नर्सरी सीटें आरक्षित रहती हैं.
वहीं मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राजधानी के सभी प्राइवेट स्कूलों को कहा है कि वह नर्सरी में एडमिशन के लिए EWS कैटेगरी के छात्रों की खाली सीटों का डाटा निकाल कर रखें. जिसके आधार पर हम उन खाली पड़ी सीटों का सही इस्तेमाल कर सकते, जिसका पूरा फायदा इस कैटगरी के छात्रों को मिल सके.
डीसीपीसीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, 74 प्राइवेट स्कूलों में पिछे दो एकेडमिक सेशन में EWS कैटेगरी के एक भी छात्र को नर्सरी में एडमिशन नहीं दिया गया है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 48,122 खाली थी जिसमें 35,500 सीटों पर ही एडमिशन हुआ है. वहीं अभिभावकों ने शिकायत की है छात्रों को फ्री बुक्स, स्टेशनरी और यूनिफॉर्म की कोई सुविधा नहीं दी जाती.