पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) ने 12 साल की एक लड़की को 10वीं की परीक्षा देने की इजाजत दी है. खास बात ये है कि 12 साल की सैफा खातून कभी स्कूल नहीं गई है और सैफा ने हमेशा घर से ही पढ़ाई की है. वह अब वह बाहरी कैंडिडेट के तौर पर बोर्ड परीक्षा में हिस्सा लेगी.
डब्ल्यूबीबीएसई के अध्यक्ष कल्याणमॉय गांगुली ने बताया कि सैफा खातून ने बाहरी कैंडिडेट्स के लिए आयोजित होने वाली पात्रता परीक्षा पास कर ली है. इस परीक्षा का आयोजन अगस्त में हुआ था. उन्होंने कहा कि पिछले 20 साल के इतिहास में सैफा के जैसा मामला अप्रत्याशित है.
गांगुली ने ये भी बताया कि परीक्षा में बैठने की न्यूनतम आयु सीमा 14 साल है. हावड़ा जिले की रहने वाली खातून ने पात्रता परीक्षा में 52 फीसदी मार्क्स हासिल किया है. पात्रता परीक्षा का रिजल्ट 11 अक्टूबर को जारी किया गया है.
बोर्ड के एक और अधिकारी ने बताया कि लड़की के पिता मोहम्मद ऐनुल ने बोर्ड से आग्रह किया था कि उनकी लड़की को माध्यमिक परीक्षा 2019 में बैठने की अनुमति दी जाए. उन्होंने बताया कि इस तरह का मामला 90 के दशक में सामने आया था, जब एक बाहरी कैंडिडेट ने न्यूनतम आयु सीमा से पहले बोर्ड परीक्षा दी थी.