MPPSC PCS Topper Pooja Chauhan: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने राज्य सेवा परीक्षा 2021 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है. एमपी पीसीएस 2021 टॉप 10 उम्मीदवारों में से सात बेटियां शामिल हैं, उन्हीं में से एक हैं सीहोर की पूजा चौहान. जिले के बकतरा में रहने वाले राजेंद्र चौहान की बेटी पूजा चौहान का चयन डिप्टी कलेक्टर की लिए हुआ है. उन्होंने पूरे मध्य प्रदेश में तीसरी रैंक हासिल की है. जिसके बाद बकतरा में जुलूस निकाला गया जिसमें कई लोग शामिल हुए, जगह-जगह लोगों ने पूजा और उनके परिवार के लोगों का भव्य स्वागत किया.
दूसरे अटेंप्ट में PCS क्लियर कर पाई तीसरी रैंक
सीहोर जिले के छोटे से गांव बकतरा की रहने वाली पूजा चौहान ने 920 अंक हासिल करके एमपी पीसीएस 2021 एग्जाम में तीसरी रैंक हासिल की है. यह उनका दूसरा अटेंप्ट था. इससे पहले 2020 की परीक्षा में वे इंटरव्यू राउंड तक पहुंचीं, लेकिन क्लियर नहीं कर पाई थीं. इसके बाद भी उन्होंने तैयारी नहीं छोड़ी बल्कि दोगुनी तैयारी के साथ दूसरा अटेंप्ट दिया और सफलता हासिल की. पूजा के पिता राजेंद्र चौहान किराना व्यापारी हैं और कृषि क्षेत्र से भी जुड़े हुए हैं. पूजा की जॉइंट फैमिली है. परिवार में चार भाई बहन हैं. वह तीसरे नंबर की हैं.
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ढोल-ढमाकों के साथ निकाला जुलूस
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा जारी परीक्षा परिणाम में पूजा ने पूरे राज्य में तीसरा स्थान प्राप्त किया है. गांव की बेटी की सफलता की सूचना मिलती है गांव में जश्न मनाया गया. उनके डिप्टी कलेक्टर के चयन की सूचना मिलते ही गांव भर में ढोल-ढमाकों के साथ जुलूस निकालते हुए स्वागत किया गया. जमकर आतिशबाजी की गई, घर पर बधाई देने के लिए लोगों का तांता लगा रहा.
बचपन में देखा था कलेक्टर बनने का सपना, आज हुआ सच
पूजा चौहान ने आज तक से फोन पर बातचीत में बताया कि डिप्टी कलेक्टर के चयन को लेकर काफी उत्साहित और खुश हैं. बचपन से ही कलेक्टर बनने का सपना था. इसके लिए वह लगातार मेहनत कर रही थी. माता-पिता परिवार के लोगों ने काफी सपोर्ट किया जिसका परिणाम है कि आज मेरा चयन हुआ है. इसका श्रेय में अपने पूरे परिवार को देती हूं. गांव में छठी और सातवीं की परीक्षा पास करने के बाद भोपाल और इंदौर में रहकर पढ़ाई की है.
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पढ़ाई के दौरान समझी कलेक्टर की अहमियत, रोजाना 6-7 घंटे तैयारी की
पूजा ने आगे बताया कि भोपाल में पढ़ाई के दौरान समझ में आया कि एक कलेक्टर की क्या अहमियत होती है. हालांकि किन्हीं कारणों से यूपीएससी की परीक्षा नहीं दे सकी, लेकिन हार नहीं मानी और एमपीपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. भोपाल और इंदौर में कोचिंग ली. मन में ठान लिया था कलेक्टर बनाना है, इसके लिए टारगेट अनुसार 6 से 7 घंटे रोजाना पढ़ाई करती थी. बीच में कोविड के दौरान गांव में रहकर पढ़ाई की.