महारानी विक्टोरिया दुनिया की पहली महारानी बनीं थी. उन्होंने 40 करोड़ से ज्यादा लोगों पर राज किया.
माना जाता है उन्होंने दुनिया के एक चौथाई हिस्से पर राज किया. ब्रिटेन का विश्व शक्ति बन भी महारानी विक्टोरिया की कोशिशों का ही नतीजा था.
विक्टोरिया के जन्म के 8 महीने बाद ही पिता का निधन हो गया था. विक्टोरिया के मामा ने ही उनकी पढ़ाई-लिखाई करवाई.
माना जाता है कि विक्टोरिया को किसी भी पुरुष से एकांत यानी अकेले में मिलने नहीं दिया जाता था. यहां तक कि बड़ी उम्र के नौकर-चाकर भी उनके पास नहीं आ सकते थे. जितनी देर वे शिक्षकों से पढ़तीं, उनकी मां या दाईमां उनके पास बैठी रहतीं.
18 साल की उम्र में विक्टोरिया गद्दी पर बैठीं. वे लिखती हैं कि मंत्रियों की रोज इतनी रिपोर्ट्स आती हैं और इतने अधिक कागजों पर हस्ताक्षर करने पड़ते हैं. जिसकी वजह से उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ती है. लेकिन उन्हें अपने काम में काफी सुख मिलता था. उनका राज्य के कामों के प्रति उनका यह भाव अंत तक बना रहा.
अपने अधिकारों और शक्ति को लेकर विक्टोरिया इतनी सख्त थीं कि वे मामा और मां तक की दखल अंदाजी स्वीकार नहीं करती थीं. यहां तक कि कामकाज के मामले में उन्हें किसी पर भरोसा नहीं था.
वो बेहद दुख की घड़ी थी, जब 43 साल की उम्र में विक्टोरिया विधवा हो गईं. जो भार उनके कंधों पर रखा गया था, अपनी शक्ति-सामर्थ्य के अनुसार वे उसे अंत तक ढोती रहीं. बतादें, रेल और तार जैसे उपयोगी आविष्कार उन्हीं के काल में हुए.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रानी विक्टोरिया के जीवन काल में कुल पांच बार जानलेवा हमले हुए लेकिन वो इन सब से बच निकलीं. साल 1883 में रानी विक्टोरिया विंडसर किले की सीढ़ियों से गिर गयी और इसके बाद वो इससे कभी उभर नहीं सकीं. हालांकि इसके बावजूद भी उन्होंने अपनी गोल्डन जुबली और डायमंड जुबली सालगिरह मनाई और साल 1901 में उनका निधन हो गया.
रानी विक्टोरिया ब्रिटेन की सबसे लंबे समय तक रानी बनीं रहीं, लेकिन अब एलिज़ाबेथ द्वितीय ने इससे भी लंबे समय तक रानी बने रहने का रिकॉर्ड बनाया है.